बिहार से दिल को झकझोर देने वाली एक घटना सामने आई है. यहां एक मां ने कर्ज के कारण बंधक बने 10 साल के एक बेटे को छुड़ाने के लिये दुधमुंही बच्ची को बेचने की कोशिश की. मामला जमुई जिला का है. शुक्रवार के दिन महादलित दंपत्ति एक महीने की बच्ची को तीस हजार में बेचने के लिए झाझा थाना के पास पहुंचा लेकिन इस दौरान वहां भीड़ जुट गई और मामला पुलिस तक चला गया.
बताया जा रहा है कि झाझा के पुरानी बाजार स्थित मुसहरी के महादलित कैलू मांझी ने अपने भाई से पांच हजार कर्ज लिया था, जिसे सूद समेत 25 हजार चुकाने के लिए कैलू मांझी के बेटे को उसके भाई ने झारखंड के रामगढ़ में बंधक बना रखा है. मजबूर सफाई कर्मी कैलू मांझी का कहना है कि कर्ज नहीं चुकाने के कारण उसके भाई ने उसके बेटे को बंधक बना रखा है, जिसे छुड़ाने के लिए मजबूरी बस बच्ची को बेचना उचित समझा.
कर्ज चुकाकर वो अपने बेटे को छुड़ाने के लिए अपनी पत्नी अनिता देवी के साथ दुधमुंही बच्ची को बेचने के लिए वो निकला था लेकिन जब लोगों को पता चला तो दुधमुंही बच्ची को बिकने से रोक दिया गया. एक मां अपनी गोद मे लिए एक महीने की अपनी बच्ची को बेचने आई थी. रोते बिलखते हालत में जब स्थानीय लोगों ने गरीब दंपत्ति को देखा तब लोगों ने सवाल पूछा तो पता चला कि बंधक रखे अपने बेटे को छुड़ाने के लिए एक मां अपनी ममता को त्याग कर दुधमुंही बच्ची को बेचने जा रही है.
जानकारी के अनुसार 25 हजार में बेटे को छुड़ाने के लिए इस दंपति ने अपनी दुधमुंही बच्ची का सौदा 30 हजार में किया था, जिसको खरीदने के लिए एक बुजुर्ग महिला भी मौके पर पहुंच चुकी थी लेकिन इस मामले को जब स्थानीय लोगों ने देखा और समझा तब दुधमुंही बच्ची को खरीदने वाली बुजुर्ग महिला मौके से फरार हो गई. बताया जा रहा है कि कैलू मांझी पहले अपने भाई के साथ रामगढ़ में एक ईट भट्ठा पर काम करता था.
वहां उसने अपने भाई कारू मांझी से 5 हजार उधार लिया था. उसी 5 हजार की रकम सूद समेत बढ़कर 25 हजार कर दी गई थी. बार-बार कर्ज की रकम के लिए कैलू मांझी पर उसका भाई दबाव बना रहा था. लगभग एक महीने पहले कैलू मांझी का भाई उसके बड़े बेटे सोनू को अपने साथ लेकर चला गया और फिर बेटे को वापस करने के बदले 25 हजार देने की मांग करने लगा. सफाई कर्मी के कैलू मांझी का कहना है कि उसके पास इतनी बड़ी रकम नहीं थी, बेटे को वापस लाना था, इसलिए उसने तय किया कि अपनी दुधमुंही बच्ची को बेच दे.