फ्रांस (France) में मंगलवार को 24 घंटे की अवधि में कोरोनावायरस (Coronavirus in France) के रिकॉर्ड 1,79,807 नए मामले सामने आए हैं. ये संख्या महामारी की शुरुआत के बाद से दुनियाभर में रिकॉर्ड सबसे अधिक दैनिक मामलों में से एक है. Covidtracker.fr के आंकड़ों के अनुसार, यह यूरोप में नए दैनिक केस की सबसे अधिक संख्या है. इससे पहले, पिछले हफ्ते शनिवार को रिकॉर्ड 1,04,611 केस सामने आए थे, जो 11 नवंबर 2020 के बाद सबसे अधिक थे. पिछले दो दिनों से फ्रांस में 90 हजार से अधिक दैनिक मामले सामने आए हैं. इस तरह फ्रांस में एक बार फिर कोरोना तेजी से फैलने लगा है.
सरकार ने कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए नए प्रतिबंधों को लागू करना शुरू कर दिया है. इसमें बड़ी सभाओं को सीमित करना, ट्रांसपोर्ट सिस्टम में खाना-पीना बैन करना और आउटडोर में मास्क लगाना शामिल है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि नए मामलों में हो रही तेजी से वृद्धि के बाद भी कोविड संक्रमित मरीजों के अस्पताल में होने की संख्या सीमित है. मंगलवार को फ्रांस के अस्पतालों के ICU में 3,416 मरीज थे. गौरतलब है कि अप्रैल 2020 में ये संख्या 7000 थी. हालांकि, इसके बाद तेजी से हुए वैक्सीनेशन ने संक्रमण के गंभीर मामलों को रोका है.
फ्रांस की 77 फीसदी आबादी फुली वैक्सीनेटेड
फ्रांस ने बताया है कि मंगलवार को देश में 290 लोगों की कोविड की वजह से मौत हुई. इस तरह कोरोना की वजह से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1,23,000 से अधिक हो गई. मई के बाद एक दिन में हुई ये सबसे अधिक मौतें हैं. फ्रांस की 77 फीसदी आबादी फुली वैक्सीनेटेड है. इसकी वजह से अस्पतालों में भर्ती होने की दर और मौतों की संख्या में तेजी से गिरावट हुई है. वहीं, दुनियाभर में अब ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) का कहर भी देखने को मिल रहा है. तेजी से फैलने वाले इस वेरिएंट की वजह से कई देशों में नए मामलों में इजाफा देखने को मिला है.
ओमिक्रॉन वेरिएंट ने दुनिया में पैदा की चिंता
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी देते हुए कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट की वजह से हेल्थकेयर सिस्टम पर दबाव बढ़ सकता है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट की वजह से हल्के लक्षण देखने को मिल रहे हैं. ओमिक्रॉन वेरिएंट की वजह से बढ़े कोरोना मामलों ने दुनियाभर में चिंता पैदा कर दी है. इस वजह से अब देशों को कठोर कदम उठाने पड़ रहे हैं. इनके बीच चिंता की बात ये है कि अगर फिर से प्रतिबंधों को लागू किया जाता है, तो उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है. हालांकि, कई मुल्कों ने इन सबके बाद भी प्रतिबंध लगाने शुरू कर दिए हैं.