स्मार्टफोन आज लोगों की जिन्दगी का अहम हिस्सा बन गया है. इसके बगैर एक घंटे भी समय बिताना मुश्किल है. एक शब्द में कहें तो स्मार्टफोन वर्तमान समय में इंसान का एक ऐसा साथी बन गया है, जिसके रहने पर हर काम आसानी से हो जाता है. आज स्मार्टफोन का उपयोग फोन करने के साथ- साथ मेल भेजने, वीडियो बनाने, फोटो खींचने और वीडियो देखने के लिए भी किया जा रहा है. कई लोग स्मार्टफोन पर टीवी सीरियल और लाइव मैच देखते हैं तो कई लोग इसका उपयोग एडल्ट कंटेंट देखने में भी कर रहे हैं.
हालांकि, भारत में एडल्ट कंटेंट पूरी तरह से बैन है. इसके बावजूद भी लोग चोरी-छुपे इसे देखते हैं. पर ऐसे लोगों को मालूम नहीं है कि उन्हें एडल्ट कंटेंट देखना महंगा पर पड़ सकता है, क्योंकि कई लोग ज्यादा चालांक बनने के चक्कर में फोन के प्राइवेट मोड को ऑन कर देते हैं और एडल्ट कंटेंट देखना शुरू कर देते हैं. पर उन्हें जानकारी नहीं होती है कि इस तरह के कंटेंट्स पर कई AI Bots की नजर होती है. स्मार्टफोन पर एडल्ट कंटेंट देखने वालों को हम आज 4 ऐसी चीजों की जानकारी देंगे जो आपको मुसीबत में फंसा सकती है.
फाइल डाउनलोड करना: आम तौर पर लोग पॉर्न वेबसाइट्स से एडल्ट कंटेंट्स की फाइल को भी डाउनलोड करते हैं. लेकिन उन्हें ऐसा करते समय मालूम नहीं होता है कि जाने-अनजाने में उस फाइल के साथ मैलवेयर भी डाउनलोड हो जाता है. ऐसी स्थित में आपकी निजी फोटोज चोरी हो सकती है. और आप ब्लैकमेल का शिकार हो सकते हैं.
ब्राउजिंग हिस्ट्री से हो सकती है परेशानी: आप अपने स्मार्टफोन पर क्या ब्राउज कर रहे हैं, ये सारी जानकारियां गूगल को मिल जाती हैं. चाहे वो एडल्ट कंटेंट ही क्यों न हो. यही वजह है कि आपके ब्राउजिंग पैटर्न के आधार पर आपको सिर्फ डिजाइन विज्ञापन दिखाए जाने लगते हैं. आपके सोशल मीडिया पर भी कड़ी नजर रखी जाती है और उसके आधार पर भी विज्ञापन आपको दिखाए जाते हैं. इससे आप मुश्किल में पड़ सकते हैं.
पैसे खर्च कर कंटेंट देखना: कई लोग एडल्ट कंटेंट्स देखने के लिए मोटी रकम भी खर्च करते हैं. पर उन्हें नहीं मालूम होता है कि यह उनके लिए सबसे बड़ा परेशानी का सबब बन सकता है. क्योंकि एडल्ट कंटेंट देने वाला व्यक्ति आपकी डिवाइस में मालवेयर डाल सकता है और आपकी सारी जानकारी लीक हो सकती है.
खुफिया एजेंसी की नजर: फोन में एडल्ट कंटेंट देखने वालों पर खुफिया एजेंसियों की भी नजर होती है. इस बात की जानकारी आम लोगों को नहीं होती है. यह जानकारी आपके ऑफरेटर से साझा की जाती है.