चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि वो 2024 में बीजेपी को हराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वो ऐसा करने के लिए विपक्षी मोर्चा बनाने में मदद करना चाहते हैं. भले ही आगामी महीनों में होने वाले विधानसभा चुनावों का परिणाम प्रतिकूल क्यों न हों, पर ये संभव है. ये चुनाव आम चुनावों के लिए सेमीफाइनल कहे जा रहे हैं. जब उनसे सवाल पूछा गया कि क्या 2024 में बीजेपी को हराना संभव है. इस सवाल के जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा हां. क्या मौजूदा फॉर्मेशन के साथ ऐसा हो सकता है? प्रशांत किशोर ने इसका जवाब नहीं में दिया.
NDTV को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि इसके लिए थोड़े से समायोजन और थोड़े से बदलाव की जरूरत है. अगर कोई दल टीएमसी, कांग्रेस या कोई अन्य दल, बाकी दलों को इकट्ठा करता है, अपने संसाधनों का इस्तेमाल करता है और नए सिरे से रणनीति शुरू करता है तो विपक्ष 250 से 260 सीटों तक पहुंच सकता है, ये अभी के नंबर के हिसाब से है. सिर्फ पार्टियों के साथ आने से काम चलने वाला नहीं है. आपको सही तरीके से एक संगठन बनाने की जरूरत है.
इन 200 सीटों पर था कड़ा मुकाबला
उन्होंने उन करीब 200 सीटों का भी जिक्र किया, जिनपर बीजेपी-कांग्रेस के बीच करीबी लड़ाई देखी गई थी. उन्होंने विधानसभा चुनावों को लेकर कहा कि हो सकता है बीजेपी इसे जीत ले और फिर 2024 में हारे. उन्होंने कहा कि कोई भी पार्टी जो बीजेपी को हराना चाहे, उसके पास कम से कम 5 से 10 साल का विजन होना चाहिए. यह पांच महीने में नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि व्यक्ति नहीं हमारे देश में मजबूत विपक्ष की आवश्कता है.
बीजेपी को हराने का ये है फॉर्मूला
अपने लक्ष्य का खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए उत्तर और पश्चिम की 100 सीटें जीतना जरूरी है. मैं 2024 के लिए एक विपक्षी मोर्चा बनाने में मदद करना चाहता हूं, जो 2024 में मजबूत लड़ाई दे सके. अगर आप बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल की करीब 200 सीटें भी जीत लें तब भी आप बीजेपी को हरा नहीं सकते. अपनी पॉपुलारिटी के दम पर बीजेपी 50 ऑड सीट्स जीतने में सफल होगी. बाकी की 350 सीटों पर बीजेपी स्वीप कर रही है. एक चैनल को दिए गए इंटरव्यू में साफ कहा है कि वो कांग्रेस में शामिल होने जा रहे थे. उन्होंने ये भी कहा कि वो कांग्रेस पार्टी को काफी मानते भी हैं. इंटरव्यू के दौरान उन्होंने ममता बनर्जी और टीएमसी का भी जिक्र किया.
कांग्रेस के साथ चली 5 महीने तक बात
प्रशांत किशोर ने कहा कि भले ही मैं कांग्रेस में जाना चाह रहा था, लेकिन मेरी और उनकी सोच नहीं मिल पाई. करीब 4-5 महीने तक कांग्रेस से बातचीत हुई, लेकिन कुछ हो नहीं पाया. टीएमसी को लेकर पीके ने कहा कि ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी अब पश्चिम बंगाल से बाहर निकलना चाहती है. वो देशभर में अपना संगठन बनाने की कोशिश कर रहे हैं. टीएमसी के साथ आई-पैक काम करता रहेगा. बता दें कि आई-पैक प्रशांत किशोर की ही कंपनी है, जो चुनावी रणनीति बनाने का काम करती है.