रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि वह देश के हर जिले में श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए तैयार हैं जहां के लोग किसी दूसरे राज्य में फंसे हुए हैं. रेल मंत्री ने कहा है कि इसके लिए जिलों के डीएम कलेक्टर ऐसे लोगों के नाम और गंतव्य रेलवे स्टेशन का ब्योरा अपने राज्य के नोडल ऑफिसर के जरिये रेलवे से साझा करें. इसके बाद रेलवे संबंधित स्टेशन के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था करेगा.
रेलवे अभी तक 1150 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला चुका है और तकरीबन 15 लाख से ज्यादा लोगों को एक राज्य से दूसरे राज्य उनके गंतव्य तक पहुंचा चुका है. एक दिन पहले ही रेल मंत्रालय की तरफ से राज्यों को कहा गया था कि रेलवे हर दिन 300 ट्रेनें चला सकता है. इसके लिए राज्यों को अपनी-अपनी तरफ से परमिशन देने की जरूरत है.
लॉकडाउन के दौरान अभी भी कई राज्यों में मजदूर पैदल ही अपने घर को निकल रहे हैं. इसको ध्यान में रखते हुए रेलवे ने ज्यादा से ज्यादा श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने की योजना बनाई है लेकिन ये ट्रेनें तभी चलेंगी जब दोनों राज्य जिस राज्य से मजदूर जा रहे हैं और जिस राज्य में उनको जाना है, वह दोनों राज्य रेलवे से ट्रेन चलाने के लिए कहेंगे.
रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की शुरुआत एक मई से की थी. पहले दिन चार ट्रेनें चलाकर 5000 यात्रियों को उनके गृह राज्य पहुंचाया था. तभी से हर दिन राज्यों की डिमांड के मुताबिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं.