बिहार विधानसभा के लिए 28 अक्टूबर को प्रथम चरण की 71 सीटों पर होने वाले चुनाव में सुल्तानगंज, अमरपुर, डुमरांव, मखदुमपुर (सु) और अरवल पांच सीटें ऐसी हैं, जहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और महागठबंधन के नवोदित प्रत्याशियों के बीच टक्कर देखने को मिलेगी।
बाबा की नगरी के रूप में प्रसिद्ध भागलपुर जिले के सुल्तानगंज सीट से राजग के घटक जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने प्रो.ललित नारायण मंडल को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। वहीं महागठबंधन की ओर से कांग्रेस की टिकट पर ललन यादव अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) की नीलम देवी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में लगी हुयी है। वर्ष 2015 के चुनाव में इस सीट से जदयू प्रत्याशी और पूर्व सांसद सुबोध राय ने बीएलएसपी उम्मीदवार हिमांशु प्रसाद को 14033 मतों के अंतर से पराजित किया था।
बांका जिले के अमरपुर सीट से जदयू ने निवर्तमान विधायक जर्नादन मांझी की जगह उनके पुत्र जयंत राज को टिकट दिया है, जो पहली बार चुनावी रणभूमि में किस्मत आजमायेंगे। वहीं, कांग्रेस के टिकट पर जीतेन्द्र सिंह उम्मीदवार बनाये गये हैं। श्री सिंह भी पहली बार चुनावी संग्राम में उतरे हैं। वर्ष 2015 में श्री जनार्दन मांझी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार और पूर्व मंत्री गुणेश्वर प्रसाद सिंह के पौत्र मृणाल शेखर को 11773 मतों के अंतर से पराजित किया था। भाजपा से टिकट नहीं मिलने से नाराज मृणाल शेखर ने इस बार लोजपा का दामन थाम लिया और इस सीट पर लोजपा के उम्मीदवार भी बनाये गये हैं।
बक्सर जिले की डुमरांव विधानसभा सीट से जदयू ने पार्टी की प्रवक्ता अंजुम आरा को उम्मीदवार बनाया है, जो पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। वहीं, महागठबंधन की ओर से भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के टिकट पर अजित कुमार सिंह पहली बार किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं, जदयू से टिकट नहीं मिलने के बाद निवर्तमान विधायक ददन यादव उर्फ ददन पहलवान निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी अखाड़े में उतर आये हैं। उन्होंने वर्ष 2015 के चुनाव में जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ा था और बीएलएसपी उम्मीदवार राम बिहारी सिंह को 30339 मतों के अंतर से मात दी थी। डुमरांव से महाराज कमल बहादुर सिंह के पौत्र शिवांग विजय सिंह भी निर्दलीय चुनाव लड़कर मुकाबले को रोचक बनाने में जुटे हैं।