रिलायंस- फ्यूचर डील ( Reliance Future Group Deal ) का विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है. दरअसल इसी महीने के 22 फरवरी को एमेजॉन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मे इस डील पर फिलहाल रोक लगा दी थी. अब इस डील को लेकर एक रिपोर्ट सामने आ रही है. दिल्ली के पब्लिक रिस्पॉन्स एगेंस्ट हेल्पलेसेनेस एंड एक्शन फॉर रिड्रेसल की रिपोर्ट के मुताबिक अगर रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप की ये डील नहीं हो पाती है 11 लाख लोग अपनी रोजी रोटी गंवा देंगे. दरअसल टेलीकॉम और डिजिटल में अपना कारोबार फैलाने के बाद फ्यूचर ग्रुप के इस डील के जरिए मुकेश अंबानी ने रिटेल मार्केट में कब्जा करने का सपना सजाया था. लेकिन फिलहाल इसपर विराम लग गया है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक अगर एमेजॉन को सफलता मिल जाती है और इस डील पर स्थाई तरीके से रोक लग जाती है तो रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के साथ साथ 11 लाख लोगों के सामने रोजगार का संकट पैदा हो जाएगा. फ्यूचर ग्रुप औऱ रिलायंस ने इस डील के जरिए यह सुनिश्तिच करने की कोशिश की है Big Bazaar, EasyDay, Nilgiris, Central, Brand Factory जैसे कारोबार काम करते रहें जिससे इनके कर्मचारियों को अपनी नौकरी ना गवांनी पड़े.
क्यों अटक रही है डील
सुप्रीम कोर्ट ने लोवर कोर्ट के फैसले को रोकते हुए ये फैसला सुना दिया है कि अब अगले आदेश तक इस डील से संबंधित सभी ट्रांजैक्शन पर रोक रोक दिए जाएं. ई – कॉमर्स कंपनी एमेजॉन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर रिटेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को नोटिस जारी किया कर दिया है. इस नोटिस में दोनों कंपनियों से तीन सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने को कहा गया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस-फ्यूचर के बीच हुई डील की आगे की प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है.
क्या है पूरा मामला
अगस्त 20019 में एमेजॉन फ्यूचर समूह की गैर सूचीबद्ध कंपनी फ्यूचर कूपंस लिमिटेड की 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का एक करार किया था. फ्यूचर कूपंस के पास फ्यूचर समूह की बीएसई में सूचीबद्ध कंपनी फ्यूचर रिटेल की 7.3% हिस्सेदारी है. एमेजॉन ने फ्यूचर के साथ यह भी करार किया था कि वह 3 से लेकर 10 साल के बीच सूचना डिटेल्स को भी खरीद सकती है.
अगस्त 2020 में हुआ था फैसला
29 अगस्त 2020 को फ्यूचर समूह ने रिलायंस के साथ अपने करार घोषणा जिसमें उसने अपने खुदरा और थोक व्यवसाय को रिलायंस रिटेल को बेचने का करार कर लिया था, रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ उसका यह करार 24,713 करोड़ रुपए का है. एमेजॉन ने इसके खिलाफ अक्टूबर 2020 में सिंगापुर अंतर्राष्ट्रीय पंचाट केंद्र में एक सदस्यीय आपातकालीन पीठ के समक्ष चुनौती दी. अमेजन ने आरोप लगाया कि रिलायंस के साथ कारोबार बेचने का करार कर फ्यूचर में उसके साथ अनुबंध की अवहेलना की है.