चीन (China) अपने यहां उइगर मुसलमानों (Uyghur Muslim) और उनकी संस्कृति का दमन पूरी प्लानिंग के साथ कर रहा है. बीते वर्षों के दौरान पश्चिमी देशों की तरफ से चीनी दमन को नरसंहार तक कहा गया है. ऑस्ट्रेलियन पॉलिसी इंस्टिट्यूट (ASPI) की रिपोर्ट में कहा गया है कि उइगर आबादी वाले जिनजियांग प्रांत (Xinjiang) में चीन की कम्युनिस्ट सरकार आम लोगों पर भी बेहद सख्त निगाह रखती है. किसी भी तरह के विद्रोह को दबाने के लिए कम्युनिस्ट सरकार की तरफ से दमन का हर तरीका अपनाया जाता है.
ASPI की ये पूरी रिपोर्ट जिनजियांग में चीनी सरकार की तानाशाही की पड़ताल करती है. इसका नाम है-द आर्किटेक्चर ऑफ रिप्रेशन: अनपैकिंग जिनजियांग गवर्नेंस. ये रिपोर्ट बताती है कि 2014 के बाद से जिनजियांग में उइगर और तुर्की अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का प्लानिंग के साथ दमन किया जा रहा है. 80 पेज की इस रिपोर्ट के लेखकों ने चीन की स्थानीय भाषाओं में मौजूद स्रोतों समेत पुलिस डॉक्यूमेंट से प्रमाण इकट्ठा किए हैं. मानवाधिकार के मामलों पर चीन का असली चेहरा दुनिया के सामने उजागर के लिए मशहूर पत्रकार विकी जिउजोन्ह जू इस रिपोर्ट के सहलेखक हैं. विकी ऑस्ट्रेलिया में पॉलिसी एनालिस्ट भी है. उन्होंने ट्वीट किया है-इस प्रोजेक्ट में दिखाया गया है कि कैसे जिनजियांग में कम्युनिस्ट पार्टी के शासन वाला स्टेट उइगरों के खिलाफ युद्ध छेड़े हुए है.
ट्रिनिटी मैकेनिजम के इस्तेमाल की चर्चा
इस रिसर्च को यूके फॉरेन, कॉमनवेल्थ एंड डेवलपमेंट ऑफिस ने फंड किया है. उइगर लोगों की जिंदगी पर नियंत्रण हासिल करने के लिए ट्रिनिटी मैकेनिजम के इस्तेमाल की चर्चा इस रिसर्च में की गई है. 2014 में इस मैकेनिजम को आतंकरोधी अभियान के लिए जिनजियांग के कुछ इलाकों में इस्तेमाल किया गया था. लेकिन अब ये क्षेत्र में लगभग हर जगह लागू किया जा चुका है. इस ट्रिनिटी मैकेनजिम के तहत गांव के कमेटी अधिकारी, पुलिस अधिकारी, केंद्रीय अधिकारियों की टीम (जो अक्सर गांवों का निरीक्षण करती है) साथ मिलकर काम करते हैं. इनकी निगाह हर व्यक्ति पर होती है.लेकिन इन सबके बीच चीन के इन कदमों पर पाकिस्तान ने हमेशा चुप्पी बनाए रखी है. बीते सप्ताह भी उइगर मुसलमानों के मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों के बारे में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि मानवाधिकारों पर चुनिंदा घोषणाएं अनैतिक हैं. उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान ने उइगर मुद्दे पर चीन से बात की है और इसे जवाब भी मिला है. उन्होंने कहा, ‘हमारे और चीन के बीच एक समझ है. हम एक-दूसरे से बंद दरवाजे में बात करेंगे, क्योंकि यह उनकी प्रकृति और संस्कृति है.’