एक ऐतिहासिक घटनाक्रम के तहत सेना ने अपनी दो महिला अधिकारियों को विमानन विंग के लिए लड़ाकू हेलीकाप्टर पायलट के तौर पर प्रशिक्षण के लिए चुना है। यह चयन सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे द्वारा महिलाओं को पायलट के रूप में शामिल किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के छह महीने बाद किया गया है।
दोनों महिला अधिकारियों को कांबैट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा
सेना की विमानन विंग में अभी तक महिलाओं को सिर्फ एयर ट्रैफिक कंट्रोल और ग्राउंड ड्यूटी की ही अनुमति थी। अधिकारियों ने बताया कि दोनों चयनित महिला अधिकारियों को महाराष्ट्र के नासिक स्थित कांबैट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
कड़ी चयन प्रक्रिया में सिर्फ दो महिला अधिकारी ही सफल हो पाईं
उन्होंने बताया कि 15 महिला अधिकारियों ने सेना की विमानन विंग में शामिल होने की इच्छा जताई थी। लेकिन कड़ी चयन प्रक्रिया में सिर्फ दो अधिकारी ही सफल हो पाईं। प्रशिक्षण अवधि सफलतापूर्वक पूरी होने के बाद दोनों अधिकारी अगले साल जुलाई में फ्लाइंग ड्यूटी कर सकेंगी।
अवनी चतुर्वेदी लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला
याद दिला दें कि 2018 में भारतीय वायुसेना की फ्लाइंग आफिसर अवनी चतुर्वेदी ने अकेले लड़ाकू विमान उड़ाकर इतिहास रच दिया था। वह लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला हैं। उन्होंने पहली उड़ान मिग-21 बाइसन में भरी थी।