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नितीश कुमार से बैर नहीं, पर राहुल गांधी की खैर नहीं.., ममता के विपक्षी क्लब से ‘कांग्रेस’ गायब

बिहार के सीएम नीतीश कुमार इन दिनों विपक्ष को एकजुट करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने हाल ही में दिल्ली का दौरा कर विभिन्न सियासी दलों के लगभग एक दर्जन नेताओं के साथ अलग-अलग मीटिंग की। इसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी (AAP) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं। इसके साथ ही हरियाणा में होने वाली एक रैली में पश्चिम बंगाल के सीएम ममता बनर्जी के भी शामिल होने का भी अनुमान जताया जा रहा है। हालांकि, इससे पहले तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो ने अपने तीखे तेवर दिखा दिए हैं।

TMC ने ना केवल ममता बनर्जी को पीएम पद का योग्य उम्मीदवार माना है, बल्कि उन्होंने खुद कांग्रेस और लेफ्ट जैसी विपक्षी पार्टियों के साथ हाथ मिलाने से परहेज के संकेत दे दिए हैं। कल गुरुवार (8 सितम्बर) को कोलकाता में आयोजित की गई पार्टी की एक महत्वपूर्ण और बड़ी बैठक के दौरान ममता बनर्जी ने नीतीश कुमार की ही तरह विपक्षी एकता की हिमायत तो जरूर की, मगर उन्होंने जिन दलों के नाम लिए उनमें मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ही नदारद रही। इसके साथ ही उन्होंने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि 2024 में लेफ्ट के साथ भी उनका गठबंधन नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और हेमंत सोरेन के अलावा समाजवादी पार्टी (सपा) मुखिया अखिलेश यादव, RJD के तेजस्वी यादव और अन्य नेता भाजपा को 2024 में सत्ता से बेदखल करने के लिए TMC का साथ देंगे।

 

 

एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि, ‘मैं, नीतीश कुमार, हेमंत सोरेन और कई अन्य लोग 2024 के लोकसभा चुनावों में एक साथ आएंगे। सभी विपक्षी दल भाजपा को मात देने के लिए हाथ मिलाएंगे। एक ओर हम सब होंगे और दूसरी तरफ भाजपा। भाजपा का 300 सीटों का अहंकार तोड़ेंगे। 2024 में ‘खेला होबे’।’ ममता के बोलने से पहले सुदीप बनर्जी, अभिषेक बनर्जी और कल्याण बनर्जी समेत TMC के कई नेताओं ने अपने भाषणों में यही बात कही कि विपक्षी दल ममता बनर्जी के नेतृत्व में ही भाजपा के खिलाफ लड़ सकते हैं। हालांकि, TMC नेताओं के पूरे भाषण में राहुल गांधी का नाम नहीं आया, ऐसे में यह माना जा रहा है कि, ममता दीदी, कांग्रेस से हाथ मिलाने के मूड में नहीं है।