काबुल से गुरुवार को पहली अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट रवाना हुई. 15 अगस्त को जबसे तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया है और जब ये अमेरिकी फौजें देश से गई हैं, तबसे यह पहला मौका है जब कोई इंटरनेशनल फ्लाइट टेक ऑफ कर सकी है. यह कतर एयरवेज की चार्टर फ्लाइट थी जो गुरुवार को ही दोहा में लैंड हुई है. दूसरी फ्लाइट शुक्रवार को रवाना होगी.
कतर गए थे अमेरिकी विदेश मंत्री
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकेन इससे पहले कतर के दौरे पर गए थे. यहां पर उन्होंने कतर से विदेशी नागरिकों को बाहर निकालने में मदद की मांग की है. सैंकड़ों अफगान नागरिक जो अमेरिका की मदद कर रहे थे, वो पिछले माह देश से बाहर जाने में असफल हो गए थे. रॉयटर्स के मुताबिक पहली इंटरनेशनल फ्लाइट में करीब 113 लोग थे. यूनाइटेड किंगडम (UK) के विदेश मंत्री डॉमनिक रॉब ने बताया है कि फ्लाइट में 13 ब्रिटिश नागरिक भी थे जो दोहा पहुंच चुके हैं. उन्होंने कतर का शुक्रिया अदा किया है.
व्हाइट हाउस ने कहा तालिबान ने की मदद
व्हाइट हाउस की तरफ से भी एक बयान जारी किया गया है. इस बयान में इस बात की पुष्टि की गई है कि अमेरिकी नागरिक अफगानिस्तान से बाहर आ गए हैं. व्हाइट हाउस ने भी कतर को थैंक्यू कहा है. व्हाइट हाउस की मानें तो यह फ्लाइट बहुत ही सावधान और मुश्किल राजनयिक वार्ता की वजह से संभव हो सकी है. व्हाइट हाउस ने यह भी कहा है कि तालिबान ने भी एक बिजनेस और प्रोफेशनल की तरह बर्ताव किया और अमेरिकी नागरिकों को देश से बाहर आने में मदद की. कनाडा ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उसके 43 नागरिक फ्लाइट में सवार थे. वहीं, नीदरलैंड्स के 13 नागरिक इसमें थे.
कतर ने बताया एतिहासिक दिन
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कतर के विशेष राजदूत मुतलाक बिन माजिद अल कहतानी ने काबुल इंटरनेशनल एयरपोर्ट के ऑपरेशनल होने को अफगानिस्तान के लिए एतिहासिक दिन करार दिया है. तालिबान के कब्जे के बाद से 124,000 से ज्यादा विदेशी और अफगान नागरिक संगठन के डर से देश छोड़ चुके हैं. बताया जा रहा है कि फ्लाइट से पहले करीब 100 अमेरिकी नागरिक अफगानिस्तान में थे.