देश की आंतरिक सुरक्षा की चुनौती अब केवल कानून-व्यवस्था की चुनौती नहीं है बल्कि फोर्थ जेनरेशन वारफेयर का अहम हिस्सा बन चुकी है। सीमा पर आमने-सामने आने के बजाये दुश्मन देश के भीतर अस्थिरता पैदा करने का षड्यंत्र रच रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष देशभर के शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को आंतरिक सुरक्षा की ऐसी बढ़ती चुनौतियों से निपटने के लिए गहन विचार-विमर्श किया। सम्मेलन में कहा गया है कि राज्यों में आपसी टकराव व भेदभाव के छोटे-छोटे मुद्दों को सामान्य रूप से कानून-व्यवस्था के तौर पर न देखें, बल्कि उसे बड़ा षड्यंत्र के रूप में देखते हुए तत्काल कार्रवाई की जाये। पीएम की लगभग 12 घंटे की मौजूदगी में चले मंथन की मंशा यही है कि आतंकी मंसूबों को भारत अब और मजबूती से कुचलने के लिए तैयार होगा। किसी भी देश विरोध ताकत से सख्ती से निपटा जाएगा।
राजधानी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को दिनभर आंतरिक सुरक्षा के साथ-साथ आतंकवाद, साइबर अपराध, तटीय सुरक्षा, नक्सलवाद, मादक पदार्थों की तस्करी के बदलते तरीकों व अन्य चुनौतियों पर न सिर्फ गहन मंथन किया। उन्होंने इस पर अहम सुझाव भी दिये। पीएम मोदी ने इस विपरित पररिस्थ्तियों से निपटने के लिए की जा रही तैयारियों को भी परखा। इस दौरान उन्होंने सीमा पर प्रवास, देश को बदनाम करने के लिए विदेश से हो रही फंडिंग तथा इसमें विभिन्न एनजीओ की भूमिका को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई। साथ ही पीएम मोदी ने राज्यों की पुलिस व जांच एजेंसियों के बीच आपसी समन्वय को बढ़ाने की बात दोहराई। प्रधानमंत्री रविवार को तीन दिवसीय सम्मेलन का समापन करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मोदी शनिवार सुबह करीब 9.20 बजे राजभवन से गोमतीनगर विस्तार स्थित पुलिस मुख्यालय पहुंचे और रात करीब 8.45 बजे तक मौजूद रहे। यह पहला मौका था, जब प्रधानमंत्री ने किसी पुलिस मुख्यालय में लगभग 12 घंटे बिताए। इस दौरान सम्मेलन में मंथन होता रहा। तीन दिवसीय 56वें पुलिस महानिदेशक, महानिरीक्षक सम्मेलन के दूसरे दिन प्रधानमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की मौजूदगी में आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों पर मंथन किया। पीएम मोदी के समक्ष समक्ष अलग-अलग चुनौतियों व उनसे निपटने की तैयारियों को लेकर प्रस्तुतिकरण किये गये। राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के डीजीपी, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों व केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुखों के अलग-अलग समूह बनाए गये हैं, जिनके साथ प्रधानमंत्री ने चाय व नाश्ते के दौरान चर्चा की। पीएम रात्रिभोज के बाद पुलिस मुख्यालय से राजभवन आ गये।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार उन्हें शाम सात बजे राजभवन जाना था और उनका कार्यक्रम रात करीब आठ बजे पुलिस मुख्यालय में रात्रिभोज में शामिल होने का था। सम्मेलन को देखते हुए मोदी राजभवन नहीं गये। बताया गया कि पुलिस मुख्यालय के नौवें तल पर उन्होंने कुछ देर विश्राम किया और उसके बाद रात्रिभोज में शामिल हुये। वह रविवार सुबह 9.20 बजे सम्मेलन में फिर भागीदारी करेंगे और समापन के बाद शाम चार बजे अमौसी एयरपोर्ट के लिए रवाना हो जाएंगे। 350 से अधिक वरिष्ठ अधिकारी विभिन्न राज्यों में स्थित आइबी कार्यालय से वर्चुअल माध्यम से भी सम्मेलन का हिस्सा ले रहे हैं। सम्मेलन के दौरान देशभर से आए शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश पुलिस के नए मुख्यालय की खूब प्रशंसा भी की।
देश-विरोधी संगठनों पर हुई कार्रवाई का रखा ब्योरा
सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने उत्तर प्रदेश में देश विरोधी संगठनों के विरुद्ध की जा रही कार्रवाई का ब्योरा रखा गया। प्रस्तुतिकरण के जरिए बताया गया कि किस तरह एटीएस व एसटीएफ घसपैठियों से लेकर शांति-व्यवस्था को बिगाड़ने का षड्यंत्र कर रहे संगठनों के विरुद्ध कानूनी शिकंजा कस रही हैं। यह भी बताया गया कि बाराबंकी के चैनपुरवा गांव में अवैध शराब के कारोबार में लिप्त लोगों को किस तरह सामुदायिक पुलिसिंग के जरिए इस दलदल से बाहर निकाला गया और रोजगार से जोड़ा गया। उत्तर प्रदेश में माफिया व भूमाफिया के विरुद्ध अभियान के तहत की गई कार्रवाई के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई।