राजस्थान में महीनों तक चली सियासी हलचल के बीच आज नई कैबिनेट का शपथ ग्रहण होने जा रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जारी तकरार धीरे-धीरे शांत पड़ती जा रही। गहलोत कैबिनेट में रविवार को चार नए मंत्री शपथ लेने जा रहे हैं। इसी बीच सचिन पायलट ने कांग्रेस आलाकमान के फैसले पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि जो कुछ कमियां थीं, उसपर कांग्रेस हाईकमान ने ध्यान दिया और उसे पूरा किया। पायलट ने कहा कि मंत्रिमंडल की नई सूची से अच्छा और साकारात्मक संदेश गया है। उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे को बार-बार उठाया था। मुझे खुशी है कि पार्टी आलाकमान और राज्य सरकार ने इसका संज्ञान लिया।
बता दें कि शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर हुई बैठक में गहलोत सरकार के सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दिया था। रविवार को सचिन पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ कर दिया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उन्हें कोई नाराजगी नहीं है। उन्होंने कहा कि पूरी कांग्रेस एकजुट होकर काम कर रही है। आज राजस्थान में हर वर्ग कांग्रेस के साथ जुड़कर काम कर रहा है। पायलट ने कहा कि कांग्रेस कार्यकतार्ओं और समर्थकों को जिस तरह मौका दिया गया है उससे वह संतुष्ट हैं। 2023 में कांग्रेस दोबारा सत्ता में आएगी। उन्होंने कहा कि पार्टी के निर्देश पर पूरी निष्ठा से काम करूंगा।
मीडिया को संबोधित करते हुए सचिन पायलट ने भाजपा पर भी निशाना साधा। पायलट ने कहा कि भाजपा धीरे-धीरे हाशिए पर जा रही है। गहलोत सरकार के सभी मंत्रियों के इस्तीफे के बाद 15 नए मंत्री शनिवार को शपथ लेंगे, जिनमें से 11 कैबिनेट मंत्री हैं। सचिन पायलट खेमे के जिन लोगों को मंत्रालय में शामिल किया गया है, उनमें विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा और हेमाराम चौधरी कैबिनेट मंत्री हैं, इसके अलावा बृजेंद्र ओला और मुरारी मीणा राज्य मंत्री हैं। हेमाराम चौधरी, मुरारीलाल मीणा व बृजेंद्र ओला पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के करीबी नेता हैं। पिछले साल अशोक गहलोत ने इन्हें मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया था। इसको लेकर सचिन पायलट नाराज चल रहे थे, लेकिन गहलोत ने फिर से सचिन पायलट के करीबियों को मंत्रिमंडल में शामिल किया है।