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झूठा निकला गैंगरेप का केस: IG ने किया चौकाने वाला खुलासा, पूर्व सीएम ने भी सोशल मीडिया पर उठाया था मुद्दा

इंदौर में मंगलवार रात को पुलिस के सामने एक ऐसी शिकायत आई थी जिसको लेकर प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी सोशल मीडिया के जरिये कई सवाल उठाए थे, लेकिन अब पुलिस कथित गैंगरेप के सवालों के जबाव ढूंढने के बाद इस नतीजे के करीब है कि क्या वाकई गैंगरेप हुआ है या फिर कुछ और बात है. मंगलवार को इंदौर में एक सनसनीखेज वारदात सामने आई थी जिसमें 18 वर्षीय फर्स्ट ईयर की छात्रा का आरोप था कि उसके साथ सुनियोजित तरीके से पहले अपहरण कर गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया और बाद में उसे बोरे में बंद कर 5 आरोपियों ने उसे मारने की कोशिश की थी.

इस सनसनीखेज वारदात के सामने आने के प्रदेश सरकार और इंदौर की कानून व्यवस्था पर कई सवाल खड़े हुए थे जिसका जबाव इंदौर पुलिस ने दिया. आईजी हरिनारायणचारि मिश्र ने मामले में ऐसे खुलासे किए हैं जो चौंकाने वाले हैं. आईजी हरिनारायणचारि मिश्र ने बताया कि महिला अपराधों को लेकर पुलिस बहुत संवेदनशील है. हम देखें तो 2019 के मुकाबले 2020 में लगभग 25 से 30 प्रतिशत तक अलग-अलग अपराधों में कमी भी आई है. इस कड़ी में हम देखें तो मंगलवार को एक बड़ा संवेदनशील मामला सामने आया था, जिसमें महिला ने कई तरह की शिकायतें की और कुछ 4 से 5 लोगों के विरुद्ध 307 से लेकर के 376 तक की गम्भीर धाराएं लगी थीं.

उस पूरे मामले को पुलिस ने अत्यंत गम्भीरता से लिया गया. उसमें पूरी पुलिस टीम ने घटना की पूरी जानकारी मिलते ही लगातार रातभर काम किया. घटना के संबंध में 150 के करीब सीसीटीवी फुटेज निकाले गए. सभी तथ्यों का बारीकी से परीक्षण किया गया और अंत मे जो भी निष्कर्ष सामने आए उसके हिसाब से कहा जा सकता है कि घटना सही नहीं पाई गई है. घटना में बहुत सारे तथ्य विरोधाभासी पाए गए हैं. घटना के समय के जो भी साक्ष्य, तथ्य, सीसीटीवी फुटेज,

मेडिकल परीक्षण से जुड़ी सारी चीजों को लेकर पुलिस ने जो तथ्य एकत्रित किये हैं, इन सभी चीजों को जोड़कर घटना काफी हद तक संदिग्ध पाई गई है. जो भी तथ्य पाए गए उसके हिसाब से पुलिस आगे वैधानिक कार्रवाई करेगी. आईजी हरिनारायणचारि मिश्र ने ये भी कहा कि कोई भी शिकायत आती है तो पुलिस उसे सत्य मानकर विवेचना करती है और सबसे पहले उन तथ्यों का परीक्षण करती है जिन तथ्यों पर आरोप लगाए जाते हैं या घटना का पूरा ढांचा तय होता है. पुलिस ने ताजा मामले को उतनी ही संवेदनशीलता के साथ लिया और पुलिस ने रात भर हर तथ्य से जुड़े बिंदु का परीक्षण किया और अंततः घटना में जो तथ्य आये, उसके आधार पर आरोप भ्रामक और निराधार पाए गए. अभी जितने भी तथ्यों की जानकारी ली गई है उनकी पुष्टि नहीं हो पाई है.

पुलिस अब इन आरोपों के पीछे की वजह जानने का प्रयास कर रही है कि आखिर युवती ने क्यों इस तरह के भ्रामक आरोप लगाए हैं. पुलिस की आगे की इन्वेस्टिगेशन में ये सारी बात सामने आएंंगी. आईजी ने बताया कि आईपीसी में समान रूप से कोई आरोप परीक्षण में झूठा पाया जाता है तो 182 और 211 के अंतर्गत आवेदक के विरुद्ध ख़ारजी की कार्रवाई की जाती है. पुलिस इस मामले में भी सारे तथ्यों को जुटा रही है. वहीं, उन्होंने बताया कि इस मामले में जिस व्यक्ति पर आरोप लगाया गया था, उससे पुलिस ने सभी चीजों और तथ्यों की पुष्टि की है लेकिन इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है क्योंकि गिरफ्तारी के पहले की आवश्यक शर्त होती है कि घटना से जुड़े तमाम तथ्य, मेडिकल परीक्षण और आसपास वैज्ञानिक साक्ष्य हों, उनको सत्यापित किया जाए. अगर सत्यापन में उन तथ्यों की पुष्टि होती है, तब ही गिरफ्तारी की जाती है. इस मामले में प्रथम दृष्टया ऐसा नहीं हो पाया, इसलिये किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई थी. फिलहाल, इस मामले में जांच जारी है.