लोकआस्था का महापर्व छठ पूजा की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. उत्तरी भारत में खास रूप से बिहार में इस त्योहार को धूमधाम से मनाया जाता है. छठ में बस अब थोड़ा सा ही वक्त बचा है.संतान की प्राप्ति एवं उसके सुखी जीवन के लिए हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा होती है. इस त्योहार की विशेष रूप से पूजा की जाती है.यह व्रत मुख्यत: तीन दिनों का होता है.
कई बार ऐसा होता है कि इस त्योहार के लिए हम कितनी भी तैयारी कर लें लेकिन लास्ट लाइम तक कुछ ना कुछ रह ही जाता है. ऐसे में मे समस्या पूजन सामग्री के साथ खासतौर पर आती है. इस बार की छठ पूजा के लिए पहले से न केवल लिस्ट बना लें ताकि अंत समय के लिए कुछ भी ना बचे. आइए जानते हैं छठ पूजा में लगने वाली सामग्री की सूची.
नए कपड़े हैं जरूरी
इस तीन दिवसीय कठिन व्रत के लिए सबसे पहले पूजा करने वाले के लिए नए कपड़े की आवश्यकता है. अगर कोई महिला है तो उसके लिए साड़ी या सलवार-सूट-दुपट्टा आदि लेना होता और पूजा पुरुष करता है तो कुर्ता-पायजामा जैसा कोई ट्रेडिशनल परिधान ले सकते हैं. हालांकि कपड़ा लेना अति आवश्यक होता है.
इसके अलावा पड़ेगी इनकी जरूरत
नए कपड़ों के अलावा भी की सामानों की जरूरत होती है. छठ पूजा का प्रसाद रखने के लिए बांस की दो बड़ी टोकरियां चाहिए होती हैं. इन्हें घर के पुरुष सिर पर रखकर नदी या तालाब के पास पूजा के लिए ले जाते हैं. इसके साथ ही पूजा के लिए सूप चाहिए होता है. ये सूप चाहे बांस का ले लें या पीतल का दोनों का ही पूजा में चलता है. इसके अलावा दूध और जल के लिए एक ग्लास, एक लोटा या कलश और थाली आदि की भी आवश्यकता होती है.
इनका भी करें इंतजाम
इस खास पूजा के लिए पांच गन्ने जिसमें पत्ते लगे होना आवश्यक होता है, पानी वाला नारियल, अक्षत (चावल), पीला सिंदूर, दीपक, घी, बाती, कुमकुम, चंदन, धूपबत्ती, कपूर, दीपक, अगरबत्ती, माचिस, फूल, हरे पान के पत्ते, साबुत सुपाड़ी, शहद को भी एकत्रित कर लें. इसके साथ ही हल्दी, मूली और अदरक का हरा पौधा, बड़ा वाला मीठा नींबू, शरीफा, केला और नाशपाती भी पूजा के प्रयोग में आती है. इस पूजा में शकरकंदी और सुथवी का भी महत्व होता है. थेकुआ आदि बनाने के लिए गेहूं का आटा गुड़ , देसी घी भी चाहिए होता है.