आतंकवादी संगठन आईएसआईएस (ISIS) ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के गुरुद्वारे पर हुए हमले की जिम्मेदारी लेते हुए बयान जारी किया है. ISIS का कहना है कि उसने पैगंबर मुहम्मद के अपमान (Prophet Row) का बदला लेने के लिए इस हमले को अंजाम दिया था.
आपको बता दें कि बीजेपी (BJP) की निलंबित नेता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) द्वारा पैगंबर के बारे में की गई एक टिप्पणी से कई देशों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे. आईएसआईएस ने अपनी अमाक (Amaq site) साइट पर पोस्ट किए गए संदेश में कहा, ‘शनिवार के हमले के जरिए हमने हिंदुओं और सिखों को निशाना बनाया था, जिन्होंने अल्लाह के भेजे गए पैगंबर की शान में गुस्ताखी की थी.’
आतंकी संगठन का बयान
आतंकी समूह ने बताया कि उसके लड़ाके ने वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी को मारने के बाद, हिंदुओं और सिखों की आस्था के केंद्र गुरुद्वारे में प्रवेश किया था. हमारे लोगों ने मशीन गन और हैंड ग्रेनेड से अंदर मौजूद लोगों पर गोलियां चलाईं. इस हमले में दो लोगों की मौत हो गई वहीं कम से कम 7 अन्य घायल हो गए थे.’ हमले के बाद अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल नफी ताकोर ने कहा हमलावरों ने गुरुद्वारे में दाखिल होते ही ग्रेनेड फेंका और वहां पर आग लगा दी थी.
भारत ने जताई थी चिंता
इस हमले के बाद भारत ने चिंता जताई थी. पीएम मोदी ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसे कायराना करतूत कहा था. गौरतलब है कि हाल ही में भारतीय प्रतिनिधिमंडल और तालिबान काबुल में मिले थे. जिसके बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि भारतीय टीम अफगानिस्तान में कई जगहों का दौरा करने की कोशिश करेगी जहां भारत समर्थित परियोजनाओं और कार्यक्रमों को लागू किया जा रहा है. वहीं तालिबान ने भी भारत से निवेदन किया था कि वो अब व्यापार बहाली की दिशा में काम करने पर विचार करे.