तालिबान के सुप्रीम लीडर हेबतुल्ला अखुंदजादा (Supreme Leader Hebatullah Akhundzada) ने बुधवार को कहा है कि अफगानिस्तान की धरती को किसी भी देश पर हमले के लिए इस्तेमाल नहीं होने दिया जाएगा। अपने संदेश में तालिबान चीफ (Taliban Chief) ने यह भी कहा कि कोई भी देश अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में दखल न दे। बता दें कि यूएन की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अफागनिस्तान की धरती पर हजारों विदेशी लड़ाके रहते हैं। इसमें अल-कायदा और पाकिस्तान बेस्ड लश्कर और जैश के आतंकी भी हैं।
यूएन की इस रिपोर्ट को लेकर ही अखुंदजादा ने कहा कि वह अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी देश के खिलाफ नहीं होने देंगे। उन्होंने अपने संदेश में कहा, ‘मैं अपने पड़ोसियों, क्षेत्र और दुनिया को भरोसा दिलाता हूं कि यहां से किसी देश की सुरक्षा को खतरा नहीं होगा। हमने दुसरे देशों से भी कहा है कि वे हमारे आंतरिक मामलों में दखल न दें।’
उन्होंने कहा, ‘हम पूरी दुनिया के साथ अच्छे रणनीतिक, राजनीतिक और आर्थिक संबंध चाहते हैं। इसमें अमेरिका भी शामिल है। हमें लगता है कि इसमें सभी पक्षों का हित छिपा है।’ बता दें कि पिछले महीने भारत ने भी अफगानिस्तान में अपना अपनी डिप्लोमैटिक उपस्थिति दर्ज करवाई है। पिछले साल अगस्त में जब अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा हो गया था तो यहां से बहुत सारे देशों ने अपने राजदूतों को वापस बुला लिया था और दूतावास पर ताला लगा दिया था।
काबुल में अपनी टेक्निकल टीम को फिर से लगाने से पहले भारत से एक प्रतिनिधिमंडर अफगानिस्तान की यात्रा पर गया था। तालिबान ने भारत से वादा किया था कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि अब तक तालिबान ने किसी आतंकी संगठन पर कोई कार्रवाई नहीं की है। अखुंदजादा ने अफगानिस्तान में शिक्षा को लेकर भी वादे किए।