प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा बनाए गए नए कृषि कानून के खिलाफ चल रहा किसान आंदोलन अपने चरम पर है। किसान लंबे समय से दिल्ली से सटी सीमाओं पर आंदोलन में जुटे है। इस दौरान हजारों किसानों ने नए कृषि कानून के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की हुई है लेकिन इस बीच एक ऐसी घटना सामने आई। जिससे हर कोई दंग हो गया। दरअसल दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर (सिंधु बॉर्डर) पर किसानों के हक में आवाज उठाने सामने आए बाबा संत राम सिंह ने आत्महत्या कर ली। बाबा राम रहिम ने बुधवार को खुदखुशी की घटना को अंजाम दिया। जिसके बाद अब इस पर भी राजनीति हो रही है।
जानकारी के अनुसार, बाबा राम सिंह एक धार्मिक उपदेशक है। वे हरियाणा के करनाल के रहने वाले है। जो किसानों के हक में आगे आए थे। उनकी मौत के बाद सोशल मीडिया पर एक सुसाइड नोट भी सामने आया है। जो ट्विटर यूजर ने शेयर किया है। इस सुसाइड नोट में लिखा हुआ है कि किसानों का दुख देखा। वो अपना हक लेने के लिए सड़कों पर हैं। बहुत दिल दुखा है। सरकार न्याय नहीं दे रही… जुल्म है। जुल्म करना पाप है, जुल्म सहना भी पाप है। इसके आगे वह लिखते हैं कि किसी ने किसानों के हक में और जुल्म के खिलाफ कुछ नहीं किया। कइयों ने सम्मान वापस किए। यह जुल्म के खिलाफ आवाज है। वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह…
वहीं, इस घटना के बाद अब दिल्ली पुलिस से लेकर ट्रैफिक पुलिस सख्त हो गई है। ट्रैफिक पुलिस ने कई बॉर्डर पर ट्रैफिक मूमवेंट को बंद कर दिया। जिसमें टिकरी और धनसा बॉर्डर शामिल है। टिकरी बॉर्डर को सिर्फ दो पहिया और पैदल यात्रियों के लिए खोला गया है। वहीं, दूसरी तरफ प्रदर्शनकारियों ने नोएडा को दिल्ली से जोड़ने वाली चिल्ला सीमा को भी जाम कर दिया है। जिस वजह से नोएडा लिंक रोड़ पूरी तरह बंद हो गया। किसान यहां पर बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर पहुंच गए है।