विधानसभा चुनाव से पहले अनुशासनहीनता के आरोप में यूपी कांग्रेस ने बलरामपुर के जिला अध्यक्ष समेत चार पदाधिकारियों को पार्टी से छह साल के लिए बाहर कर दिया है। बलरामपुर कांग्रेस के अध्यक्ष अनुज सिंह, जिला उपाध्यक्ष अख्तर हुसैन, जिला महासचिव विनय मिश्रा और सेवा दल के अध्यक्ष दीपक मिश्रा के खिलाफ पार्टी ने कार्रवाई की है। आरोप है कि 4 फरवरी को श्रावस्ती के वीआईपी गेस्ट हाउस में पार्टी के बैठक के दौरान राष्ट्रीय सचिव सत्यनारायण पटेल के साथ चारों पदाधिकारियों ने अभद्रता की थी। उनके साथ मारपीट का प्रयास भी किया था। अभद्रता की सूचना कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय पहुंचने पर अनुशासन समिति ने कार्रवाई करते हुए इन लोगों को पार्टी के सभी पदों से हटाते हुए 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया।
बलरामपुर कांग्रेस अध्यक्ष ने दी सफाई
मामले के संबंध में पूछे जाने पर सफाई देते हुए बलरामपुर कांग्रेस जिला अध्यक्ष अनुज सिंह ने बताया कि मैं 30 साल से पार्टी का अनुशासित सिपाही रहा हूं। मेरे खिलाफ लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं। मारपीट नहीं की गई बल्कि वहां कुछ लोग अभद्रता कर रहे थे जिनसे बचाने का प्रयास किया गया। मामले को ज्यादा बढ़ाया गया है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा कि अपनी बात पार्टी फोरम पर रखा है और पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के सामने भी अपनी बात रखूंगा।
ज्ञात हो कि बलरामपुर के वीआईपी गेस्ट हाउस में टिकट बंटवारे को लेकर बैठक थी। वहां कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सत्यनारायण पटेल के अलावा चारों आरोपी मौजूद थे। टिकट बंटवारे को लेकर हुए विवाद में बलरामपुर कांग्रेस के अध्यक्ष ने अन्य तीन पदाधिकारियों के साथ मिलकर पटेल के साथ अभद्रता और फिर मारपीट कर दी। इस अभद्रता के बाद कांग्रेस नेतृत्व बहुत ही नाराज है। सत्यनारायण पटेल मध्यप्रदेश के इंदौर शहर से दो बार विधायक रहे हैं। साथ ही उन्हें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का करीबी माना जाता है।