मुहाने पर दस्तक दे चुके बिहार विधानसभा चुनाव से पहले उन सभी सियासी नुमाइंदों को लेकर चर्चा का बाजार गरमा गया है, जो इस बार फिर से अपनी सियासी किस्मत आजमाने जा रहे हैं। खबरों की दुनिया में लगातार कभी उनकी संपत्ति को लेकर बात हो रही है तो कभी उनकी सियासी स्थिति को लेकर। इस बीच बिहार के एक ऐसे ही सियासी नुमाइंदे सुर्खियों में छा गए हैं। नाम है इनका अनंत सिंह। अपने सख्त तेवर और नरम अंदाज के लिए सर्वविख्यात रहे अनंत सिंह पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़े थे, लेकिन इस बार वे जे़डीयू की टिकट से मोकामा से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। फिलहाल..वो इस सीट पर जीत दर्ज करने में सफल रहते हैं या असफल..यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन इससे पहले उनकी संपत्तियों को लेकर चर्चा परिचर्चा का बाजार खासा गरमा गया है।
तो चलिए अब ज्यादा समय जाया न करते हुए सीधा मूल व मुद्दे की बात पर आते हैं। मुद्दा यह है कि अनंत सिंह कोई ऐसी वैसी हस्ती नहीं बल्कि आपको यह जानकर हैरत होगी कि वो लाखों करोड़ों रूपए तो अपने जेब में लिए घूमते हैं, और तो और लाखों के हाथी घोड़ों तक का अंबार उनके दरबार में हमेशा लगा रहता है। खैर, धन की तो समझिए कि उनके यहां बरसा होती है। बाहुबली सियासी नुमाइंदे के रूप में विख्यात रहे अनंत सिंह ने अपना नामाकंन का पर्चा भर दिया है। उन्होंने अपना हलफनामा भी दायर कर दिया है, जिसमें उनकी संपत्तियों को लेकर इस तरह की तथ्य उभरकर सामने आ रहे हैं।
कितना हुआ इजाफा
वहीं, अगर उनकी संपत्ति की बात करें तो पिछले बार के मुकाबले इस बार उनकी संपत्ति में 68.58 करोड़ रूपए का इजाफा हुआ है। इससे पहले वे साल 2005 में भी चुनाव लड़े थे, तब उनकी संपत्ति 3.40 लाख रूपए थी, जो अब बढ़कर 68.58 रूपए हो गई है।
गाड़ियों का तो अंबार है
इसके साथ ही अगर उनके पास मौजूदा गाड़ियों की बात करें तो उनके पास रेंज रोवर से लेकर तांगे तक की गाड़ी मौजूद है। लेकिन जिस तरह की जानकारी उन्होंने अपने हलफनामे में दी है। वो इससे मेल खाती हुई नजर नहीं आ रही है। उनके पास सिर्फ एक स्कॉर्पियो व 6 लाख रूपए है।
आपराधिक स्थिति
अगर उनके आपराधिक गतिविधियों की बात करें तो पिछले 5 साल में उनके खिलाफ दोगुने केस दर्ज किए गए हैं। बता दें कि साल 2015 में अनंत सिंह के ऊपर 16 क्रिमनल केस थे, जो अब बढ़कर 38 हो गए हैं।
कभी नीतीश के करीबी हुआ करते थे
अनंत सिंह पहले कभी नीतीश के करीबी हुआ करते थे। इतना ही नहीं, अनंत सिंह तो नीतीश कुमार को चांदी के सिक्कों से भी तुलवा चुके हैं।