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औषधीय गुणों से भरपूर पान की पत्तियों के सेवन के होते है कई फायदे

पान में कई तरह के औषधीय गुण पाये जाते है। हिंदू मान्यताओं में तो पान का बेहद अहम स्थान है। पान के बिना कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है। भगवान को भी भोग लगाने के बाद अंत में पान चढ़ाया जाता है। भारत में पान खाने की परंपरा बेहद प्राचीन है और किसी भी शुभ कार्य में पान के पत्तों को जरूर शामिल किया जाता है। पान को चूना और सुपारी के साथ खाने पर यह नुकसानदेह हो जाती है। लेकिन यदि पान के पत्तों को इसी तरह खाया जाए तो यह बिल्कुल भी नुकसान नहीं पहुंचाती है।

पान के पत्ते विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने वाले के रूप में कार्य कर सकता है। इसके अलावा यह डायबिटीज और कैंसर जैसी समस्याओं से बचाने में भी भूमिका निभा सकता है। पान के पत्ते मुंहासों और छालों से भी छुटकारा दिलाने में मददगार साबित होता है। इसके अतिरिक्त पान के पत्ते रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और हृदय के स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर माना जाता है। पान के पत्तों के सेवन के कई और फायदे होते हैं।
यदि किसी को भूख न लगने की समस्या हो तो उसके लिए पान एक औषधि की तरह कार्य करता है। पान के पत्ते पेट के सामान्य पीएच स्तर को बहाल करता है। जिससे व्यक्ति की भूख बढ़ती है और स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।

सांस में दुर्गंध की समस्या और दांतों के क्षय को रोकने में भी पान के पत्ते लाभकारी साबित होते हैं। पान के पत्तों को चबाने से मुंह में दुर्गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं। इसके साथ ही यदि किसी का गला खराब हो तो उसे पान के पत्तों को पानी में उबालकर गरारा करने से काफी लाभ मिलता है।

सिर के दर्द में भी पान के पत्ते काफी राहत दिलाते हैं। सिर दर्द में पान के तेल या पान के पत्तों को गुनगुना गर्म कर माथे पर लगाने से आराम मिलता है।

पान के पत्तों का उपयोग सूजन कम करने में भी किया जाता है। पान के पत्तों के तेल में एंटीसेप्टिक गुण के साथ ही मिथाइल पाया जाता है जो शरीर के किसी भी अंग में होने वाले सूजन को कम करने में सहायक होता है।

पान के पत्तियां मधुमेह को भी नियंत्रित करने में मददगार होता है। पान की पत्तियों का अर्क रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित रखता है।