एक जुलाई से देश के कई बड़े बैंकों के नियमों में बदलाव होने जा रहा है। इसमें कुछ सेवाओं में चार्ज से लेकर आईएफएससी (IFSC) कोड तक शामिल है। चार्जेज में होने वाले बदलाव का सीधा असर ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा।
गौरतलब है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2019 में देश के 10 सरकारी बैंकों को चार बड़े बैंकों में विलय करने की घोषण की थी। वर्ष 2020 के अप्रैल माह में इन सभी 10 बैंकों का विलय हो गया था। इनमें सिंडिकेट बैंक का विलय केनरा बैंक में हुआ था। इसके अतिरिक्त बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक, विजया बैंक, कॉर्पोपेशन बैंक, आंध्रा बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स इलाहाबाद बैंक का भी विलय किया गया था। बैंकों के विलय के बाद इसी वर्ष यानी 2021 में एक अप्रैल से ही बैंकों का आईएफएससी (IFSC) और एमआईसीआर कोड अपडेट होना आरंभ हो गया था, जैसे कि सिंडिकेट बैंक का विलय अब केनरा बैंक में हो चुका है। ऐसे में एक जुलाई से सिंडिकेट बैंक का आईएफएससी (IFSC) कोड काम नहीं करेगा।
अब ग्राहक को केनरा बैंक का आईएफएससी (IFSC) कोड इस्तेमाल करना होगा। बता दें कि ग्राहकों को बैंक के आईएफएससी (IFSC) कोड की आवश्यकता एनईएफटी, आईएमपीएस, आरटीजीएस के अंतर्गत होने वाले लेनदेन के लिए पड़ती है। इसके अतिरिक्त सिंडिकेट बैंक के ग्राहक अब अपने पुरानी चेक बुक का भी प्रयोग नहीं कर सकेंगे, वहीं भारतीय स्टेट बैंक (SB I), एक्सिस बैंक. एसबीआई में बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट (BSBD) खाते के लिए एक जुलाई से नए सर्विस चार्ज लागू हो जायेंगे।
एटीएम से कैश निकासी और चेकबुक के प्रयोग पर भी नए चार्ज लागू किये जायेंगे। स्टेट बैंक ऑफ़ इण्डिया (SB I) ब्रांच से या फिर ATM से BSBD खाते से महीने में सिर्फ चार बार (एटीएम और ब्रांच मिलाकर) कैश फ्री में निकाला जा सकेगा। इसके बाद कैश निकालने पर बैंक आपसे चार्ज वसूलेगा, ब्रांच चैनल /एटीएम से प्रति कैश निकासी पर 15 रुपये प्लस जीएसटी चार्ज लेगा। यह चार्ज SBI एटीएम के अतिरकित अन्य दूसरे बैंकों के एटीएम से कैश निकलने पर भी लागू होगा।