आइएएनएस-सीवोटर के एक सर्वे के मुताबिक 52 फीसद को भरोसा है कि उप्र में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ जीतेंगे और मुख्यमंत्री बनेंगे। वहीं 37 फीसद का मानना है कि ऐसा नहीं होगा। बता दें हाल ही में उप्र में हुए जिला पंचायत चुनाव में 75 में से भाजपा ने 67 सीटें जीती थीं। इस जीत ने भाजपा का हौसला बढ़ाया है।
जिला पंचायत चुनावों में भाजपा की सफलता को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा कर चुके हैं। पीएम मोदी ने भाजपा की शानदार विजय को विकास, जनसेवा और कानून के राज के लिए जनता जनार्दन का दिया हुआ आशीर्वाद बताया था। वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट किया था कि यह जीत भाजपा की नीतियों पर जनता के विश्वास का प्रतीक है
नड्डा ने यह भी कहा था कि जिला पंचायत चुनावों में मिली सफलता से साफ हो गया है कि उत्तर प्रदेश की जनता भाजपा के विकास और सुशासन के एजेंडे के साथ है। यह सर्वे ऐसे वक्त में सामने आया है जब सूबे के क्षत्रप चुनावी गठबंधन से परहेज करने की बात कह रहे हैं। हाल ही में यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा था कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी बसपा अकेले ही चुनाव लड़ेगी।
यही नहीं कांग्रेस ने भी अकेले ही चुनाव लड़ने का संकेत दिया है। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने हाल ही में कहा था कि कांग्रेस में सपा और बसपा में से किसी से भी गठबंधन किए बिना चुनाव लड़ने की क्षमता है। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में 50 लाख वोट मिले थे और पिछले विधानसभा चुनावों में 51 लाख वोट मिले थे।
गौरतलब है कि हाल ही में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक साक्षात्कार में कहा था कि उनकी पार्टी आगामी चुनाव में कांग्रेस और बसपा जैसे बड़े दलों के साथ गठबंधन नहीं करेगी। बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था। उस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस महज सात सीटों पर चुनाव जीत सकी थी जबकि सपा ने 47 सीटें हासिल की थीं।