इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2022 (India Mobile Congress 2022) में लगभग हर बड़ी कंपनी ने हेल्थ से जुड़ी तकनीक और गैजेट्स (Health technology and gadgets) को सबके सामने पेश किया है। इनमें ज्यादातर डिवाइस ऐसे हैं जो 5जी नेटवर्क (5G network) से जुड़ते ही प्राण रक्षक बन जाते हैं। मिसाल के तौर पर इस जियो और एरिक्सन (Jio and Ericsson) ने इस तरह की एंबुलेंस डिस्प्ले (ambulance display) की हैं जो लगातार अस्पताल से जुड़ी रहेंगी और मरीज को पल भर के लिए भी डॉक्टर के बिना नहीं छोड़ेंगी।
मरीज पहुंचने से पहले अस्पताल को मिलेगी सूचना
इंडियन मोबाइल कांग्रेस में रिलायंस जियो ने एक 5जी कनेक्टेड एम्बुलेंस (5G Connected Ambulance) पेश की है। यह ऐसी एम्बुलेंस है जो मरीज की सारी अहम जानकारियां रियल टाइम में अस्पताल को डिजिटली पहुंचा देगी और वह भी मरीज के पहुंचने से पहले। ताकि अस्पताल में मौजूद डॉक्टर मरीज के पहुंचने से पूर्व ही सभी जरूरी इंतजाम कर सकते हैं। भविष्य में मेडिकल इंडस्ट्री में बदलाव का अंदाजा इस एम्बुलेंस को देख कर लगा सकते हैं।
एंबुलेंस में मरीज डॉक्टर के पास पहुंचेगी लाइव फीड
एरिक्सन के स्टॉल पर इससे एक कदम आगे जाते हुए ऐसी कनेक्टेड एंबुलेंस देखी जा सकती है जहां से मरीज की रियल टाइम जानकारी डॉक्टर तक पहुंचेगी बल्कि वो उसे देख भी सकेगा। इसके लिए एक वर्चुअल रियलिटी से लैस चश्मे का इस्तेमाल किया जाएगा। एंबुलेंस में मौजूद अटेंडेंट जैसे ही चश्मा पहनेगा उसके चश्में के बाहर की तरफ लगे कैमरे मरीज की लाइव तस्वीरें डॉक्टर को भेजना शुरू कर देंगे।
‘नाविक’ के करिए दर्शन
अगर आपको स्वदेशी जियो पोजिशनिंग सिस्टम में रुचि है तो इसे इंडिया मोबाइल कांग्रेस में देखा जा सकता है। नाविक को भारत ने इस विजन के साथ विकसित है कि उसे किसी दूसरे देश की सेटेलाइट के जरिए अपने देश में लोकेशन ट्रैकिंग तकनीक के लिए निर्भर न होना पड़े।
भारत के फिलहाल 7 ऐसे सेटेलाइट हैं जो नाविक ट्रैकर के लिए पोजिशन उपलब्ध कराते हैं। इन सेटेलाइट को भारत की जरूरतों के हिसाब से पोजिशन किया गया है। इसकी वजह से ये अमेरिकी जीपीएस के मुकाबले बेहतर परिणाम देने में सक्षम है। नाविक के स्टॉल पर लाइव पोजीशन ट्रैकिंग को देखा जा सकता है।