उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुई अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियांे में मौत की जांच की जा रही है। बुधवार को नरेंद्र गिरि की पोस्टमॉर्टम किया गया। सुबह करीब दो घंटे तक उनका पोस्टमॉर्टम हुआ. पांच डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमॉर्टम किया। महंत नरेंद्र गिरि की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार उनकी मौत फांसी लगने की वजह से हुई है। अभी विसरा को प्रिजर्व किया गया है। पोस्टमाॅर्टम के बाद रिपोर्ट को सील कर दिया गया है। हाईप्रोफाइल मामला होने कारण इसे गोपनीय रखा गया है। पोस्टमॉर्टम करीब दो घंटे तक चला। पांच डॉक्टरों ने इसे किया. इस पैनल में डॉ. लालजी गौतम, राजेश श्रीवास्तव, अमित श्रीवास्तव, बादल सिंह, राजेश कुमार राय शामिल थे। पोस्टमॉर्टम की पूरी वीडियोग्राफी की गई है।
आनंद गिरि से हुई पूछताछ
पुलिस इस मामले की जांच में भी जुटी है। गिरफ्तार आनंद गिरि से करीब 12 घंटे तक पूछताछ हुई। पुलिस ने आद्या तिवारी से भी पूछताछ की और दोनों को आमने-सामने बैठाकर सवाल-जवाब किये गये। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने पूछताछ में आनंद गिरि और नरेंद्र गिरि के बीच हुए विवाद के बारे में सवाल किये। आनंद गिरि को सुसाइड नोट दिखाया गया और हैंड राइटिंग को लेकर सवाल किया गया। बताया जा रहा है कि आनंद गिरि ने बार-बार यही कहा कि महंत जी खुदकुशी नहीं कर सकते हैं, ये मेरे खिलाफ साजिश लग रही है।
उत्तराधिकार से जुड़े भी सवाल हुए
उत्तराधिकार की जंग को लेकर जब सवाल हुआ तो आनंद गिरि ने कहा कि महंत जी ने जब तक उसे माफ नहीं किया था, वह हनुमान मंदिर नहीं गया था। आनंद गिरि ने कहा कि उसका अब महंत जी से कोई विवाद नहीं था। ना ही महंत जी किसी बड़ी परेशानी में थे। सब कुछ सामान्य था। पुलिस ने इस दौरान ब्लैकमेलिंग, चंदे में गड़बड़ी को लेकर सवाल किये। हरिद्वार से आनंद गिरि के आश्रम से बरामद लैपटॉप, फोन और अन्य सामान को जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस ने गनर अजय समेत 4 सुरक्षाकर्मियों से भी सवाल किये। ज्ञात हो कि प्रयागराज पुलिस ने पहले आनंद गिरि को हरिद्वार से हिरासत में लिया था, बाद में उसे गिरफ्तार किया गया। महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में आनंद गिरि का नाम लिया था। उन्होंने दोषियों, जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किये जाने की भी मांग की है।