आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए भारत लगातार प्रयासरत है। वैश्विक मंचों पर भारत इसके खिलाफ लगातार आवाज उठाता रहा है। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा में पीएम मोदी ने आतंकवाद को मानवता का सबसे बड़ा खतरा बताया है। इस सबके बीच आतंकवाद के खिलाफ भारत- श्रीलंका सैन्य ताकतों को बढ़ावा देने के लिए सैन्य अभ्यास की शुरुआत करने जा रहे हैं।
रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी । मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि ‘मित्र शक्ति’ अभ्यास का आठवां संस्करण श्रीलंका के अमपारा में कॉम्बैट ट्रेनिंग स्कूल में 4 से 15 अक्तूबर तक आयोजित किया जाएगा।
“अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देना और अंतर-संचालन को बढ़ाना और आतंकवाद विरोधी और आतंकवाद विरोधी अभियानों में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना होगा।
अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देना और अंतर-संचालन को बढ़ाना और आतंकवाद विरोधी और आतंकवाद विरोधी अभियानों में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना होगा।
मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा कि भारतीय सेना के 120 जवानों की सभी शस्त्र दल श्रीलंकाई सेना के बटालियन-शक्ति दल के साथ अभ्यास में हिस्सा लेंगे। अभ्यास में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद रोधी और आतंकवाद विरोधी माहौल में उप-इकाई स्तर पर सामरिक स्तर के अभियान शामिल होंगे।”
दोनों देशों में मित्रीय संगठन ने कहा कि यह अभ्यास दोनों दक्षिण एशियाई देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने में एक लंबा सफर तय करेगा और दोनों सेनाओं के बीच जमीनी स्तर पर तालमेल और सहयोग लाने में उत्प्रेरक का काम करेगा।
2019 में श्रीलंका में आतंकी हमलों में तीन से ज्यादा लोगों की मौत
बता दें कि श्रीलंका भी हाल ही के वर्षों में आतंकवाद का बड़ा शिकार हुआ था। अप्रैल 2019 में कोलंबो में घातक बम विस्फोट हुए थे जिसें 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। मित्र शक्ति अभ्यास का सातवां संस्करण 2019 में पुणे में विदेशी प्रशिक्षण नोड (FTN) में आयोजित किया गया था