प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे आलोचना पसंद है। लेकिन दुर्भाग्य है कि आलोचना करने वालों की संख्या बहुत कम है। लोग बड़ी जल्दी आरोप लगाने लग जाते हैं, ऐसे समय में मैं आलोचना करने वाले लोगों को बहुत याद करता हूं।
आलोचना के लिए शोध की जरूरत
प्रधानमंत्री ने कहा कि आलोचना और आरोप में बहुत बड़ा अंतर होता है। आरोप वे लगाते हैं, जिनके पास मुद्दे से जुड़ी जानकारी बेहद कम होती है। जबकि, आलोचना करने के लिए अध्ययन और शोध करना पड़ता है। इसमें कड़ी मेहनत लगती है।
हमने अनुसंधान पर दिया जोर
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने अनुसंधान को प्राथमिकता दी। उन्होंने एक विज्ञान सम्मेलन को याद करते हुए कहा कि हमने जय जवान, जय किसान और जय विज्ञान से आगे बढ़कर जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान पर जोर दिया। यही कारण है कि भारत आत्मनिर्भर बन रहा है और दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान हम चला रहे हैं।
वैक्सीनेशन में तकनीकि का बड़ा योगदान
भारत में वैक्सीनेशन का श्रेय पीएम ने देश की जनता को दिया। उन्होंने कहा कि इतना बड़ा अभियान चलाने में तकनीकि का बहुत बड़ा योगदान है। यह इस अभियान की रीढ़ है। उन्होंने कहा कि अगर हमारे पास वैक्सीन न होती तो क्या स्थिति होती, कल्पना करना भी मुश्किल है। देश के कई देश ऐसे हैं जहां वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। लेकिन भारत में टीकाकरण के लिए हमें आत्मनिर्भर अभियान को धन्यवाद देना होगा।
69 प्रतिशत लोग लगवा चुके हैं वैक्सीन
भारत सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के तहत 69 प्रतिशत लोग वैक्सीन का कम से कम एक डोज ले चुके हैं। वहीं 25 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज लग चुके हैं। भारत सरकार ने दिसंबर के अंत तक वैक्सीनेशन पूरा करने का लक्ष्य रखा है।