प्रदेश में अगले साल होने वाले 2022 के विधानसभा चुनावों को लेकर मायावती की पार्टी बसपा बहुत तेजी से काम कर रही है। 2022 में 2012 की रणनीति को अपनाते हुए बसपा एक बार फिर से ब्राह्मण समाज को अपने पाले में लाने के लिए बड़ी मेहनत कर रही है, और इसके पीछे की वजह भी बड़ी है। 2012 में जब बसपा सुप्रीमो मायावती प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी थी तो उनको सीएम की कुर्सी पर बिठवाने का बड़ा श्रेय ब्राह्मण समाज को गया था।
इसी को देखते हुए बसपा इस बारे भी ऐसा ही कुछ करने के मकसद में है। इसी लिए बसपा ने प्रदेश भर में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन चला रखा है। भगवान राम की नगरी से शुरू हुआ ये सम्मेलन अब अपने दूसरे चरण में भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा जा पहुंचा है। बसपा द्वारा चलाये जा रहे प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन की अगुवाई बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा कर रहे है।
14 अगस्त तक जारी रहेगा सम्मेलन
आज से भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा से शुरू हो रहे दूसरे चरण में भी पार्टी ब्राह्मण समाज को साधने में ही केंद्रित रहेगा। बसपा अगले 14 दिनों यानी 15 अगस्त तक 24 जिलों में ताबड़तोड़ प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन करेगी। बसपा की ओर से जारी कार्यक्रमों के मुताबिक, 31 जुलाई से मथुरा में शुरू होने वाले कार्यक्रमों की समाप्ति 14 अगस्त को नोएडा में होगी।
प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन का नेतृत्व कर रहे पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने गुरुवार को सुल्तानपुर पहुंचकर कहा कि ब्राह्मणों का हित करने वाली बहुजन समाज पार्टी ही है। मिश्रा ने ये भी कहा कि प्रदेश की 25 करोड़ की जनता परेशान है, उसे न्याय दिलाने के लिए रणनीति बनाकर हम चुनाव मैदान में उतरेंगे।
बता दे कि मायावती और उनकी पार्टी प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन को लेकर काफी ज्यादा उत्साहित है। कुछ वक्त पहले पार्टी अध्यक्ष और पूर्व सीएम मायावती ने दावा किया था कि पार्टी के इस सम्मेलन से विरोधी दलों की नींद उड़ी हुई है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया था कि इसे रोकने के लिए विपक्षी दल तमाम तरह के हथकंडे अपना रहे हैं।