बस..एक दरकार..अब बहाएगी सूबे में विकास की बयार..हर गलियां होंगी अब गुलजार और हर आशियाना होगा अब रोशनदान। दिन हो चाहे रात..तपिश भरी फिजा हो या फिर नरमी भरा मौसम का मिजाज..अब चौतरफा बहेगी विकास की बयार। जी हां… यह महज एक बयार नहीं बल्कि उस इजाजत का पैगाम है जो हुकूमत के रहनुमाओं ने सूबे के विकास को शबाब पर पहुंचाने के लिए दिया है। यह महज एक इजाजत नहीं बल्कि शुरूआत है। यह महज एक इजाजत नहीं बल्कि एक मुहीम है कि देश के सबसे बड़े सूबों के फेहरिस्त में शुमार उत्तर प्रदेश का नाम विकास की सूची के प्रथम तल पर दर्ज कराया जा सके।
इसी दिशा में प्रदेश सरकार ने अपनी इजाजत से गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे बनाने के लिए पैसों की व्यवस्था का इंतजाम कर दिया। प्रदेश सरकार ने एक्सप्रेस-वे के वित्तीय पोषण के लिए बैंक कंर्सोशियम को मंजूरी दे दी है। इसी संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए यूपीडा के सीईओ अवनीश कुमार अवस्थी कहते हैं कि गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे परियोजना के लिए 2,250 करोड़ रूपए के ऋण का निर्धारण किया गया है। अब इसके लिए पंजाब नेशनल बैंक ने 750 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत कर दिया है।
इसमें यूनियन बैंक, केनरा बैंक, इंडियन बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र इसमें शामिल होंगे। इसके लिए तीन सालों के दरम्यिान समय- समय पर जरूरत के मुताबिक, बैंक से पैसा निकाला जाएगा। ऋण राशि के लिए प्रारंभिक तौर पर कंर्सोशियम बैंकिंग व्यवस्था के अंतर्गत काम किया जाएगा। इसके साथ ही समय-समय पर इस परियोजना को धरातल पर उतारने हेतु जरूरत के मतुाबिक बैंक से पैसा निकाला जाएगा।