राजनीति और अपराध एक दूसरे के करीब आ चुके हैं। कभी राजनीतिक अपराधियों का सहारा लेते हैं तो कभी अपराधी राजनीतिकों को सहारा ले रहे हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास पर चुनाव आयोग की सख्त नजर है। उम्मीदवारों को अखबार, चैनल के साथ ही सोशल मीडिया के मंच पर भी अपने आपराधिक इतिहास को बताना है। दागी उम्मीदवारों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच रविवार को एक ट्वीट कर अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर हमला बोला है। उन्होंने लिखा कि भाजपा के आपराधिक छवि के प्रत्याशियों का शतक पूरा होने वाला है।
आपराधिक छवि वालों में मात्र 1 प्रत्याशी की ही कमी रह गई है। अखिलेश ने अपने ट्वीट में लिखा कि, ‘बाबा जी की ब्रेकिंग न्यूज… भाजपा के आपराधिक छवि के प्रत्याशियों का शतक पूरा होने में बस एक की कमी…। अब तक आपराधिक छवि के 99 उम्मीदवारों को टिकट दे चुकी है!’ इस ट्वीट के बाद सत्ता के राजनीतिक गलियारे में हलचल तेज हो गयी है। सत्ता पक्ष और विपक्ष अभी तक एक दूसरे को आरोप लगाते रहे हैं। अपराधियों का चुनाव मैदान में उतारा जा रहा है। आपराधिक छवि और गंभीर अपराध वाले उम्मीदवारों को लेकर बहस तेज हो गयी है। राजनीतिक दलों में भी चर्चा है कि आखिर सत्ताधारी और विपक्षी दलों की मजबूरी चुनाव जीतने की ही है।
ऐसा है चुनावी कार्यक्रम
उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदान होना है। 10 फरवरी को राज्य के पश्चिमी हिस्से के 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान होगा। दूसरे चरण में 14 फरवरी को राज्य की 55 सीटों पर मतदान होगा। तीसरे चरण में 59 सीटों पर, 23 फरवरी को चैथे चरण में 60 सीटों पर, 27 फरवरी को पांचवें चरण में 60 सीटों पर, तीन मार्च को छठे चरण में 57 सीटोंपर और सात मार्च को सातवें चरण में 54 सीटों पर मतदान होगा। उत्तर प्रदेश के चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे।