विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) (World Health Organization -WHO)) के यूरोप के क्षेत्रीय निदेशक डॉ हंस हेनरी क्लूज (Hans Henri Kluge) ने सोमवार को कहा कि इस साल यूरोप (Europe) में गर्मी की वजह से कम से कम 15,000 लोगों की मौत (At least 15,000 people died due to heat) हो गई। क्लूज ने एक बयान में कहा कि “अब तक प्रस्तुत किए गए देश के आंकड़ों के आधार पर, यह अनुमान है कि 2022 में विशेष रूप से गर्मी के कारण कम से कम 15,000 लोगों की मृत्यु हुई है। जिसमें स्पेन में लगभग 4,000 मौतें, पुर्तगाल में 1,000 से अधिक, ब्रिटेन में 3,200 से अधिक और जर्मनी में लगभग 4,500 मौतें स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा गर्मी के तीन महीनों के दौरान दर्ज की गईं।”
बढ़ सकता है मौत का आकंड़ा: डब्ल्यूएचओ
डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक ने कहा कि यह अनुमान अभी और बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि अधिक देशों में गर्मी के कारण अधिक मौतों की रिपोर्ट दर्ज की जाती हैं। उन्होंने आगे कहा कि “उदाहरण के लिए फ्रांस के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड इकोनॉमिक स्टडीज (INSEE) ने बताया कि 2019 में (कोविड-19 महामारी से पहले का अंतिम वर्ष) इस अवधि की तुलना में एक जून और 22 अगस्त 2022 के बीच 11,000 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई। आईएनएसईई ने सुझाव दिया कि ये आंकड़े जून के मध्य में समय से पहले एक शुरुआती हीटवेव (गर्म हवाएं यानी लू) के बाद सामने आए थे, जबकि समान्य तौर पर जुलाई के मध्य में हीटवेव के आने की संभावना होती है।
यूरोप सबसे तेजी से गर्म होने वाला क्षेत्र: रिपोर्ट
यूरोप में तापमान 1961-2021 की अवधि में काफी गर्म हो गया है, क्योंकि यह प्रति दशक लगभग 0.5 डिग्री सेल्सियस की औसत दर से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि “विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) द्वारा इस सप्ताह जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, यह सबसे तेजी से गर्म होने वाला क्षेत्र है। पिछले 50 वर्षों में यूरोपीय क्षेत्र में अत्यधिक तापमान के कारण 1,48,000 से अधिक लोगों की जान गई है। केवल एक साल में कम से कम 15,000 लोगों ने अपनी जान गंवाई है।
भविष्य के लिए सतर्क होना चाहिए
उन्होंने कहा कि 2021 में उच्च प्रभाव वाले मौसम और जलवायु परिवर्तन की घटनाओं के कारण सैकड़ों मौतें हुईं और सीधे तौर पर पांच लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए। इनमें से लगभग 84 प्रतिशत घटनाएं बाढ़ या तूफान की वजह से हुई थीं। स्वास्थ्य पर इसका प्रभाव हमारे क्षेत्र के लोग अब वैश्विक औसत तापमान में 1.1 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के साथ अनुभव कर रहे हैं। ऐसे में यदि तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तरों की तुलना में दो डिग्री सेल्सियस या इससे अधिक बढ़ जाता है, तो हम क्या उम्मीद कर सकते हैं, यह इसकी एक झलक भर है। यह संकेत है कि बदलते जलवायु परिवर्तन को देखते हुए हमें भविष्य के लिए सतर्क हो जाना चाहिए।
यह आंकड़ा उस वक्त सामने आया है जब दुनिया भर के प्रतिनिधि और वार्ताकार मिस्र के शर्म अल-शेख में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP27), 2022 में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को तत्काल कम करने के लिए पूर्व समझौतों पर अमल करने के लिए एकत्र हो रहे हैं। जलवायु परिवर्तन और इससे उत्पन्न संकट लंबे समय से स्पष्ट स्वास्थ्य आपात स्थिति हैं। डब्ल्यूएचओ और इसके सहयोगी संस्थान लंबे समय से इसे लेकर सतर्क करते आ रहे हैं, लेकिन कार्रवाई खतरनाक रूप से असंगत और बहुत धीमी है।
अभी पिछली गर्मियों में डब्ल्यूएचओ के यूरोपीय क्षेत्र में हीटवेव, सूखे और जंगल की आग देखी गई थी, जिसने लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित किया था। यूरोपीय संघ की कोपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा के अनुसार, इस क्षेत्र में अभी सबसे ज्यादा गर्मी और अगस्त को सबसे गर्म महीना के रूप में रिकॉर्ड किया गया है।