77वें यूएनजीए की बैठक (77th UNGA meeting) में शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) में तत्काल व्यापक सुधार (comprehensive reform) की जरूरत पर जोर दिया गया। भारत (India) सहित करीब 34 देशों (34 countries) ने इस संबंध में एक संयुक्त बयान (joint statement) भी जारी किया है। यह जानकारी भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्वीट के माध्यम से दी है।
न्यूयॉर्क में 77वें यूएनजीए की बैठक में एल69 समूह के सदस्यों और अन्य आमंत्रित समान विचारधारा वाले देशों की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पुनर्जीवन और व्यापक सुधार को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की।
मंत्रालय ने बताया कि भारत सहित 34 देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों के लिए एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया है। संयुक्त बयान में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र को तत्काल और व्यापक सुधार की आवश्यकता है। इस बात पर जोर दिया गया है कि परिषद को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के बहुमत का गठन करते हुए विकासशील दुनिया की आकांक्षाओं और दृष्टिकोणों को प्रतिबिंबित करना चाहिए।
ऑस्ट्रेलिया-भारत-इंडोनेशिया की त्रिपक्षीय बैठक
इधर, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने एक ट्वीट के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया-भारत-इंडोनेशिया की त्रिपक्षीय बैठक होने की जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि आज (शुक्रवार को) न्यूयॉर्क में पहला ऑस्ट्रेलिया-भारत-इंडोनेशिया त्रिपक्षीय आयोजन शानदार रहा है। समुद्री मुद्दों, समुद्री अर्थव्यवस्था, डिजिटल और स्वच्छ ऊर्जा पर आगे बढ़ने का हमारा विचार स्पष्ट है। हमारा त्रिपक्षीय गठजोड़ इंडो-पैसिफिक में आसियान के केंद्र में रहकर योगदान देगा।
इसके अलावा भारतीय विदेश मंत्री डॉ.एस जयशंकर ने भारत-कैरिकॉम मंत्रिस्तरीय बैठक में भी हिस्सा लिया। उन्होंने ट्वीट किया कि इस बैठक में विकास साझेदारी, स्वास्थ्य सहयोग, डिजिटल जुड़ाव और क्षमता निर्माण पर चर्चा की गई। भारत-कैरिकॉम दक्षिण एकजुटता का एक सही उदाहरण है।
जी-4 ने अफ्रीकी देशों को भी प्रतिनिधित्व देने का समर्थन किया
जयशंकर ने भी जापान के विदेश मंत्री योशिमाशा, जर्मनी की एनालिना बाएरबॉख, ब्राजील के विदेश मंत्री कार्लोस फ्रांका से मुलाकात के बाद ट्वीट किया, हमने साझा बयान में बहुस्तरीय सुधारों के लिए वार्ताओं को गति देने का इरादा जताया। इस उद्देश्य को हासिल करने तक हम कोशिशें जारी रखेंगे। भारत सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है और उसका कार्यकाल इस साल 31 दिसंबर को खत्म हो रहा है। जी-4 ने अफ्रीकी देशों को भी प्रतिनिधित्व देने का समर्थन किया। जी4 ने कहा, यूएन की निर्णय लेने वाली संस्थाओं में तत्काल सुधार की जरूरत है। वैश्विक मुद्दे जटिल होते जा रहे हैं और एक-दूसरे से जुड़े हैं। इनसे निपटने के लिए यूएनएससी की अक्षमता से सुधार की तत्काल जरूरत दिखती है।
चीन-रूस ने की अंतरराष्ट्रीय मामलों में ब्रिक्स की सराहना
चीन और रूस ने अंतरराष्ट्रीय मामलों में ब्राजील, भारत तथा दक्षिण अफ्रीका की स्थिति व भूमिका के महत्व को रेखांकित कर यूएन में उनकी बड़ी भूमिका निभाने की आकांक्षाओं का समर्थन किया है। यूएनजीए से इतर ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक में 2021-2022 और 2022-2023 में यूएनएससी के सदस्यों के तौर पर भारत और ब्राजील की भूमिका की सराहना की गई। मंत्रियों ने 2005 के विश्व शिखर सम्मेलन के नतीजों को रेखांकित करते हुए यूएन में व्यापक सुधार की जरूरत पर बल दिया।
हिंद-प्रशांत के विकास-समृद्धि से जुड़ी है समुद्री सुरक्षा : क्वाड
क्वाड देशों भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका ने यह धारणा दोहराई कि समुद्री मामले में अंतरराष्ट्रीय कानून, शांति और सुरक्षा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विकास और समृद्धि से जुड़ी है। उन्होंने स्थिति में एकतरफा बदलाव कर तनाव बढ़ाने की किसी भी कोशिश का तीखा विरोध किया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, जापानी विदेश मंत्री योशिमाशा हायेषी व ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेन्नी वोंग शुक्रवार सुबह यूएनजीए के 77वें सत्र से इतर क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक में मिले।
जर्मनी व अन्य देशों का भी सुधार पर जोर
जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने अपने संबोधन में कहा कि उनका देश कई वर्षों से सुधार और इसके विस्तार पर जोर दे रहा है। इटली, फिलीपीन और मंगोलिया के नेताओं ने भी सुरक्षा परिषद में सुधार की जरूरत पर जोर दिया। सभी देश इस बात पर सहमत थे कि भारत को स्थायी सदस्य की मान्यता मिले। इस संबंध में अमेरिका व ब्रिटेन भी भारत को अपना समर्थन दे चुके हैं।