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UGC की परिक्षाए तीन की जगह दो घंटे में कराने का सुझाव

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सत्र-2020-21 का एकेडमिक कैलेंडर जारी करने के साथ ही अधूरे सत्र-2019-20 के लिए भी दिशा-निर्देश निर्गत कर दिया है। इसके तहत अधूरे सत्र में विभिन्न तकनीकी माध्यमों से 31 मई तक पाठ्यक्रम की समाप्ति कर एक से 15 जून तक आंतरिक परीक्षण का कार्य कराने को कहा है। इस निर्देश के तहत ग्रीष्मावकाश 16 से 30 जून और परीक्षाएं जुलाई में होंगी।

आयोग ने बची हुई प्रायोगिक और मौखिकी परीक्षाओं को स्काइप या अन्य वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से कराने का सुझाव दिया है। बची हुई परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड के साथ-साथ समय सीमा तीन से दो घंटे करने का भी सुझाव दिया है। इसके अतिरिक्त एम.फिल और पीएचडी के विद्यार्थियों की मौखिकी परीक्षा वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से कराने का भी निर्देश दिया है।

विश्वविद्यालयों में कोविड-19 प्रकोष्ठ के गठन का निर्देश देते हुए आयोग ने कहा है कि यह प्रकोष्ठ विद्यार्थियों की परीक्षा एवं अन्य अकादमिक समस्याओं का त्वरित निराकरण करेगा।

यूजीसी की गाइडलाइन मिल चुकी है। प्रदेश सरकार व कुलाधिपति के निर्देश के क्रम में जो भी निर्णय होगा उसका अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। -प्रो. विजय कृष्ण सिंह, कुलपति, गोविवि

एकेडमिक कैलेंडर सत्र-2020-21

प्रवेश प्रक्रिया     -एक से 31 अगस्त 2021

स्नातक द्वितीय व तृतीय तथा परास्नातक  की द्वितीय वर्ष की कक्षाएं -एक अगस्त से

नए बैच की कक्षाएं          -एक सितंबर से

परीक्षा   -एक जनवरी से 25 जनवरी तक

सेमेस्टर कक्षाएं-27 जनवरी से

कक्षाओं की समाप्ति – 25 मई

परीक्षा-  26 मई से 25 जून तक

ग्रीष्मावकाश -1 से 30 जुलाई तक

नया सत्र   – 2 अगस्त से

ऑनलाइन होगी विवि प्रवेश समिति की बैठक

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रवेश समिति की बैठक गुरुवार को ऑनलाइन होगी। बैठक में छह सूत्रीय एजेंडे पर चर्चा की जाएगी। यह जानकारी विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. ओम प्रकाश ने दी। उन्होंने बताया कि बैठक में शैक्षणिक सत्र-2020-21 के लिए विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए निर्धारित सीटों पर आरक्षण संबंधी प्रावधानों पर विचार किया जाएगा। इसके अलावा बीबीए, बीसीए, बीएससी कृषि तथा एकीकृत पांच वर्षीय एलएलबी प्रवेश परीक्षाओं को ऑनलाइन संपादित कराने, प्रवेश फार्म भरवाने एवं अन्य संबंधित कार्य एजेंसी से कराने तथा संयुक्त स्नातक प्रवेश परीक्षा एवं परास्नातक प्रवेश परीक्षा के लिए समन्वयकों के अनुमोदन पर विचार किया जाएगा।