हिंदू शास्त्रों में पूजा पाठ का विधि विधान बनाया गया है। विधि विधान से पूजा करने पर भगवान प्रसन्न रहते हैं और घर में सुख संपत्ति हमेशा व्याप्त रहती है। भगवान फूलों से काफी प्रसन्न होते हैं। पूजा और धार्मिक अनुष्ठानों में देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए फूलों का विशेष महत्व होता है। भगवान को भक्ति में भाव, फूल और मंत्रों का जप का विशेष प्रिय होते हैं। मान्यताओं के अनुसार देवताओं को विशेष रंग के फूल चढ़ाने से भगवान जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्त की हर मनोकामना पूरी करते हैं। लेकिन फूलों को भी सोच समझ के चढ़ाना चाहिए। ध्यान रहे कि फूल बासी न हो। इसके लिए चलिए बताते हैं कि कितने दिनों के फूलों को ही चढ़ाना चाहिए।
बासी फूल न चढ़ाए
जैसा कि कहा गया है कि भगवान की पूजा करने में फूलों का विशेष महत्व होता है, लेकिन भगवान को प्रसन्न करने में ताजे फूलों को चढ़ाने चाहिए। भगवान बासी फूलों से मूर्छित हो जाते हैं और बासी फूलों को पूजा करने में निषेध भी माना गया है। इसलिए पूजा करते समय ध्यान रखना चाहिए कि फूल बासी न हो और न ही सूखे हों। हालांकि कई ऐसे भी फूल होते हैं जो कई दिनों तक बासी नहीं होते हैं जिनका आप इस्तेमाल कर सकते हैं।
कमल का फूल
कमल के फूल को पूजा में कम ही शामिल किया जाता है लेकिन इन्हें भगवना को अर्पित किया जाता है। ये ऐसे फूल होते हैं जो जल्दी खराब नहीं होते हैं।आप इन फूलों को 10 से 15 दिनों तक पूजा में शामिल कर सकते हैं। कहा जाता है कि 10 से 15 दिन तक बासी कमल का फूल नहीं होता है।
तुलसी का पत्ता
हिंदू शास्त्रों में तुलसी के पेड़ की पूजा की जाती है लेकिन इसके पत्त को पूजा में भी शामिल किया जाता है। हालांकि तुलसी के पत्ते को सिर्फ भगवान विष्णु के पूजा करने में ही शामिल किया जाता है क्योंकि भगवान विष्णु को तुलसी का पत्ता बेहद ही प्रिय होता है।तुलसी के पत्तों का 11 दिनों तक इस्तेमाल आप पूजा में कर सकते हैं। 11 दिन तक तुलसी के पत्ते बासी नहीं होता है।
बिल्व पत्र
इसे बेल का पत्ता भी कहते हैं। भगवान शिव को बेल का पत्ता बहुत प्रिय होता है इसीलिए सावण के सोमवार और शिवरात्रि के दिनों में बेल के पत्तों के साथ ही उनकी पूजा की जाती है।हालांकि इनका इस्तेमाल सिर्फ शिव भगवान की पूजा करने के लिए उपयोग किया जाता है। बेल का पत्ता 6 महीने तक बासी नहीं।