Breaking News

समय से नही पहुँचे शिक्षक विद्यालय, छात्र करते रहे इंतजार

संवाददाता भक्तिमान पाण्डेय रामसनेहीघाट (बाराबंकी): शिक्षा क्षेत्र बनीकोडर में शिक्षकों व अधिकारियों की उदासीनता से सरकारी विद्यालयों की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है।आएं दिन अध्यापकों की लगातार लापरवाही जारी है और कही न कही कार्यवाही की गति कारण बताओ नोटिस तक सिमट कर रह जाती है।और अध्यापकों की मनमानी नौनिहालों के भविष्य को विगाड़ने का काम कर रही हैं।प्राथमिक विद्यालय मंझौटी में अध्यापकों की लेट लतीफी लगातार जारी है।गोमती की तराई क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह नेस्तनाबूद होने की कगार पर है।

कई दिनों से विद्यालय खुलने में लेट लतीफी और अध्यापकों के न आने की सूचनाएं मिल रही थी। जब इसका हकीकत जानकारी लेने हमारे संवाददाता स्कूल पहुंचे तो हकीकत सामने निकल के आई करीब 9 बजकर 45 मिनट तक संवाददाता स्कूल में मौजूद रहे लेकिन अध्यापकों की उदासीनता देखने को मिली पूरा मामला सोमवार को प्राथमिक विद्यालय मंझौटी में छात्र तों पहुंच चुके थे किन्तु गुरु जी गायब रहें काफी इंतजार के बाद 9बजकर17 मिनट पर पहुंचे प्रधानाध्यापक काफी इंतजार के बाद 9:17 पर प्रधानाध्यापक रामराज पहुचकर ताला खोला लेकिन अन्य अध्यापक नहीं पहुंचे थे।

जबकि कुल चार अध्यापकों की तैनात है, 10बजकर 15 मिनट पर स्कूल पहुंचे सहायक अध्यापक वही कुछ देर बाद 10 बजकर 15 मिनट पर सहायक अध्यापक सुनील कुमार विद्यालय पहुचे,बाकी अन्य नियुक्त शिक्षक तब तक नादरत दिखे। साढ़े दस बजे तक अन्य अध्यापक स्कूल से रहे नदारद वही 10 बजकर 30 मिनट तक स्कूल से शिक्षक सुधा देवी, व सुरेश कुमार स्कूल से नदारद मिले बच्चे स्कूल में बैठे रहे और बच्चो को पढ़ाने के लिए कोई शिक्षक बच्चो के कक्षा में नहीं पहुंचे। खंड शिक्षा अधिकारी का फोन 9 बजकर 33 मिनट पर बताया बंद जब इस संबंध में जब खण्ड शिक्षा अधिकारी बनीकोडर से जानकारी लेनी चाही तो उनका मोबाइल बंद मिला।

अब देखने वाली बात यह है की जब अधिकारियों का फोन बंद रहता है तो बच्चे की भविष्य सुधरेगा कैसे। प्रधानाध्यापक कुर्सी पर रहे बैठे बच्चो को पढ़ाने वाला कोई नहीं आपको बता दें की स्कूल तो काफी देर बात खुला लेकिन स्कूल में बैठे बच्चो को पढ़ाने वाला कोई शिक्षक नही रहा प्रधानाध्यापक साहब देर पहुंचे लेकिन दुरुस्त स्कूल पहुंचे और जैसे एस स्कूल पहुंचे अपनी कुर्सी संभाल के बैठे मिले स्कूल बच्चो को पढ़ाने तक नही पहुंचे कुर्सी पर बैठ कर साहब देखते रहे और बच्चो की तरफ उनका ध्यान ही नही गया अब देखने वाली बात यह होगी की उच्चाधिकारी इस पर क्या कार्यवाही कर रहे हैं यह तो वक्त ही बताएगा।