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बदइंतजामी से परेशान हैरान अमित शाह देवबंद में जनसंपर्क के दौरान 50 गज भी नहीं चल पाए, विधायक और जिलाध्यक्ष पर बिगडे

रिर्पोट :- गौरव सिंघल,वरिष्ठ संवाददाता,दैनिक संवाद, सहारनपुर मंडल।
 
देवबंद। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पलायन के लिए चर्चित कैराना के बाद दूसरे महत्वपूर्ण शहर इस्लामिक केंद्र दारूल उलूम देवबंद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का लोगों से मिलने का जोश और उमंग बदइंतजामी के चलते 20-25 मिनट में ही ठंडा पड गया। हालांकि वह पूरी तरह संयमित और प्रसन्नचित थे। चेहरे पर चिर-परिचित मुस्कान बिखरी थी। लेकिन देवबंद कस्बे में एमबीडी चौक पर दोपहर 2.35 पर जब उन्होंने अपनी सफेद कार से जमीन पर कदम रखे तो चारो ओर अव्यवस्थित भीड को देखकर घबरा गए। प्रशासन, पार्टी संगठन और स्थानीय विधायक की लापरवाही से पैदा हुई बदइंतजामी के कारण अमित शाह को नगर के प्रमुख बाजारों में डोर टू डोर संपर्क करना था। लेकिन वह 50 कदम चलकर ही वापस जाने को विवश हो गए।
कार में बैठने से पूर्व अमित शाह ने यहां के विधायक बृजेश रावत और भाजपा अध्यक्ष महेंद्र सैनी को लताड लगाई और व्यवस्थित कार्यक्रम न कराने को लेकर सख्त नाराजगी दिखाई। नगर में सुबह से ही अमित शाह के दीदार करने को लोगों में जबरदस्त जोश और उत्साह था। दुकानदारों ने फूल और मालाओं और उपहार देने की तैयारी की हुई थी। अमित शाह कुल मिलाकर 20-25 मिनट भीड के बीच ही ठहर पाए। कुछ लोग धक्का-मुक्का देती भीड में गिर भी गए। प्रशासनिक और सुरक्षा अमले ने अमित शाह को भी असहाय स्थिति में छोड दिया। अमित शाह ने हिम्मत और हौंसले के साथ गर्मजोशी दिखाते हुए लोगों को योगी सरकार की उपलब्धियां दर्शाने वाले पर्चे बांटे बार-बार अमित शाह खुद को संभालते हुए लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे। अभिवादन का जवाब मुस्कुराहट और हाथ जोडकर दे रहे थे। अमित शाह ने जय श्री राम और अमित शाह जिंदाबाद के गूंजते नारो के बीच कई बार हाथ से विजयी चिन्ह बनाया और देवबंद की धरती पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई। जिसके अपने सियासी मायने है। केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान, पूर्व सांसद राघच लखनपाल शर्मा और नगर के जिन प्रमुख लोगों डा. डीके जैन, विनोद गुप्ता, करूनेश नंदन गर्ग, आशुतोष गुप्ता, योगेंद्र गोयल को अमित शाह के साथ रहना था और उन्हें गुलाब के फूल भेंट करने थे। अव्यवस्था के कारण वह भी नहीं हो पाया। कई महिलाओं को अमित शाह को तिलक करना था पर वह भी अमित शाह साहब के बीच में ही लौट जाने से मायूस रह गई। नगर के लोग न जी भरकर अमित शाह के दीदार कर पाए और न उनसे अपने दिल के उद्गार कह पाए।
देवबंद से पूर्व अमित शाह ने 22 जनवरी को कैराना में ठीक से जनसंपर्क किया था और लोगों के साथ-साथ मीडिया से भी बतिया पाए थे। देवबंद में राष्ट्रीय मीडिया मौजूद था पर कोई भी बदइंतजामी के चलते अमित शाह तक नहीं पहुंच पाया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ देवबंद में एटीएस कमांडो प्रशिक्षण सेंटर का शिलान्यास करने चार जनवरी को आए थे। भाजपा आलाकमान की एक-एक सीट को गंभीरता से लेने की कोशिशे यहां प्रवान चढती नहीं दिखी।