पंजाब में जालंधर ग्रामीण पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुये कुख्यात अंकुश भाया गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इन अपराधियों का संबंध विक्रम बराड़, गोल्डी बराड़, रिंदा बाबा और रवि बलाचोरिया सहित प्रमुख आपराधिक गिरोहों से रहा है। हाल ही में की गयी गिरफ्तारियां पंजाब भर में गिरोह के अवैध हथियारों की तस्करी, मादक पदार्थों की तस्करी और जबरन वसूली के नेटवर्क को निशाना बनाकर किये गये समन्वित अभियानों की एक श्रृंखला के बाद हुई हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरकमल प्रीत सिंह खख ने शनिवार को बताया कि गिरफ्तार किये गये सात व्यक्तियों की पहचान अंकुश सभ्रवाल उर्फ भया निवासी मोहल्ला ऋषि नगर, पंकज सभरवाल उर्फ पंकू, विशाल सभरवाल उर्फ भड़ठू, हरमनप्रीत सिंह उर्फ हरमन, जसकरन सिंह पुरेवाल उर्फ करण उर्फ जस्सा, रूपेश कुमार, सभी निवासी निवासी ऋषि नगर, नकोदर और अरियान सिंह, निवासी गाँव नवाजीपुर, थाना शाहकोट के तौर पर हुई है। इस मामले में करण सभरवाल उर्फ कन्नू पुत्र सुरिंदर कुमार निवासी ऋषि नगर, नकोदर और दलबीर सिंह उर्फ हरमन उर्फ भोला उर्फ लंगड़ा पुत्र शिंगारा सिंह निवासी मोहल्ला गोंसा, नकोदर को नामजद किया गया है। इस मामले में होशियारपुर निवासी दीबू भी वांछित है।
श्री खख ने कहा कि संगठित अपराध के खिलाफ हमारी चल रही कार्रवाई में यह एक बड़ी सफलता है। इन अपराधियों की गिरफ्तारी इन हिंसक गिरोहों की रीढ़ तोड़ने में एक महत्वपूर्ण जीत है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अवैध गतिविधियों में शामिल सभी लोग, चाहे वे कितने भी अच्छे संपर्क वाले क्यों न हों, न्याय के कटघरे में लाये जायें। पूरे ऑपरेशन का नेतृत्व पुलिस अधिकारी जसरूप कौर बठ जांच ने किया, जिसमें डीएसपी जांच लखवीर सिंह की देखरेख में प्रभारी सीआईए स्टाफ पुष्प बाली और एसएचओ सिटी पुलिस स्टेशन संजीव कपूर के नेतृत्व में दो पुलिस टीमें शामिल थीं। एक सूचना के आधार पर, पुलिस टीमों ने नकोदर शहर के जीटी रोड पर मलहरी गांव के पास एक चेकपॉइंट स्थापित किया, जहां उन्होंने एक सफेद वेन्यू कार को रोका। कार में सवार लोग भारी हथियारों से लैस पाये गये और उनके पास 1000 अल्प्राजोलम नशीली गोलियां थीं। ऑपरेशन के दौरान जब्त किये गये अवैध हथियारों के जखीरे में चार पिस्तौल- दो .30 बोर पिस्तौल, एक .32 बोर पिस्तौल और एक .315 बोर देशी पिस्तौल के साथ-साथ सात कारतूस शामिल थे। पुलिस ने होशियारपुर में एक बैंक डकैती और प्रतिद्वंदी गिरोह के सदस्यों की हत्या और नकोदर और मेहतपुर में दो और व्यक्तियों की हत्या करने की गिरोह की योजना को विफल कर दिया है।
प्रारंभिक जांच के दौरान, पकड़े गये संदिग्धों ने महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा किया। वेन्यू कार के मालिक, जिनकी पहचान रूपेश और आर्यन सिंह शिपाई के रूप में हुई है। उन्होंने आरोपियों को रसद सहायता और शरण प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके अलावा, इन व्यक्तियों ने कथित तौर पर संदिग्धों की ओर से हथियार और अवैध पदार्थों के भंडारण की सुविधा प्रदान की। सदर नकोदर पुलिस स्टेशन के एक पुलिस कांस्टेबल आर्यन सिंह को गिरोह को संवेदनशील जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। आर्यन लगभग 1.5 महीने से ड्यूटी से अनुपस्थित था और पुलिस ऑपरेशन के गुप्त विवरणों को उजागर करने और गैंगस्टरों को रसद सहायता प्रदान करने में शामिल था।
इस मामले में गिरोह को सुरक्षित स्थान और हथियार रखने सहित रसद सहायता प्रदान करने वाले कार मालिक रूपेश को भी गिरफ्तार किया गया है। यह भी पता चला है कि गिरोह को दोबारा बेचने के लिये ड्रग की आपूर्ति करने वाले होशियारपुर के दीबू को भी मामले में नामजद किया गया है। मुख्य सरगना अंकुश, जो विदेशी अपराधी लवप्रीत सिंह उर्फ लाडी और जेल में बंद गैंगस्टर रवि बलाचोरिया से जुड़ा हुआ है, पर आरोप है कि वह होशियारपुर में प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्यों और नकोदर और शाहकोट में दो अन्य व्यक्तियों को विवाद के बाद मारने की योजना बना रहा था। हमले के लिए बंदूकें लाडी और विशाल सब्बरवाल ने मुहैया कराई थीं और पुलिस ने एक बंदूक पहले ही बरामद कर ली है। गिरफ्तार किये गये गिरोह के सदस्यों का कई जिलों में गंभीर आपराधिक गतिविधियों का इतिहास है, अंकुश सभरवाल उर्फ भाया आईपीसी की धारा 379बी, 324, 148 और आर्म्स एक्ट के तहत कई मामलों में शामिल है। पंकज सभरवाल उर्फ पंकू 12-09-2023 को आईपीसी की धारा 307, 324 और 506 के तहत दर्ज एक मामले में फंसा है, और विशाल सभरवाल उर्फ भदथु आर्म्स एक्ट और हिंसक अपराधों से जुड़े पिछले मामलों में वांछित है। ये रिकॉर्ड संगठित अपराध, मादक पदार्थों की तस्करी और हिंसक गतिविधियों में गिरोह की लंबे समय से चली आ रही संलिप्तता को दर्शाते हैं।
इस संबंध में नकोदर सिटी पुलिस स्टेशन में आर्म्स एक्ट की धारा 25, 54 और 59 के तहत मामला दर्ज किया गया है। हाल ही में हुई गिरफ्तारियों और बरामदगी के साथ ही आर्म्स एक्ट की धारा 111, 61(2), बीएनएस और 25.6, 25.7, 25.8, 25(1बी)ए के साथ-साथ एनडीपीएस एक्ट की धारा 22(सी), 29 और 25-61-85 के तहत अतिरिक्त आरोप जोड़े गये हैं। इन धाराओं को शामिल करने से गिरोह के खिलाफ मामला और मजबूत हो गया है, जिससे उन्हें राज्य भर में अवैध हथियारों की तस्करी और मादक पदार्थों की तस्करी की गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है। गिरफ्तार किये गये लोगों को स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा और स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक नेटवर्क की जांच के लिए पुलिस रिमांड की मांग की जाएगी। गिरोह के दो अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है जो अभी भी फरार हैं।