Republic day 2022: पूरा देश आज 73वां गणतंत्र दिवस (Republic day 2022) मना रहा है. जश्न और देश भक्ति के भाव में डूबे देशवासी उत्साह के साथ इस दिन को मना रहे हैं. वहीं दिल्ली के राजपथ पर होने वाला समारोह मुख्य आर्कषण होगा. राजपथ (Rajpath) पर परेड समेत कई बेहतरीन झाकियां दिखाई जाएंगी. जैसा की हम सब जानते हैं कि 26 जनवरी 1950 को हमारे देश में संविधान लागू किया गया था और हमारे देश को पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद (President Dr Rajendra Prasad) मिले थे. गणतंत्र दिवस मनाने का उद्देश्य हमारे देश की संप्रभुता को याद करना है.
राजपथ पर निकले वाली परेड और झांकियों को देखने के लिए लोग कोने-कोने से दिल्ली आते हैं. ये अद्भुत नजारा लोगों की आंखों में बस जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजपथ पर परेड और झाकियों की शुरुआत कब से हुई? कैसे ये सिलसिला शुरू हुआ है आइए जानते हैं इतिहास के बारे में.
आजादी से पहले ये सड़क किंग्सवे के नाम से जानी जाती थी
राजपथ जहां 26 जनवरी के दिन खूबसूरती के साथ सजा होता है परेड और झाकियां निकाली जाती हैं. आजादी से पहले ये सड़क किंग्सवे (Kingsway) के नाम से जानी जाती थी. जहां राजाओं का केवल आना जाता होता था. इस रास्ते पर ब्रिटेन के शासक चला करते थे. 1947 में देश को आजादी मिली और साल 1955 में किंग्सवे हिंदुस्तान के लिए राजपथ बना. गणतंत्र दिवस (Republic day 2022) की पहली परेड राजपथ पर नहीं हुई थी.
पहली गणतंत्र दिवस परेड इर्विन स्टेडियम में हुई थी
1950 की पहली गणतंत्र दिवस परेड इर्विन स्टेडियम में हुई थी जिसे आज नेशनल स्टेडियम के नाम से जाना जाता है. वहीं साल 1955 से राजपथ 26 जनवरी परेड का स्थायी स्थल बन गया. उसके बाद हर गणतंत्र दिवस पर राथपथ पर बहुत ही धूमधाम से 26 जनवरी बनाया जाता है.
देश के पहले भारतीय गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी ने 26 जनवरी 1950 को सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर भारत को एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया था. उसके बाद डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को भारतीय गणतंत्र के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई थी. उस दिन से उन्होंने कार्य भार संभाला था. अब राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक 3 किमी तक राजपथ नए और भव्य रूप में बनकर तैयार हो चुका है. जो देखने में और भी खूबसूरत है.