बीते दिन पाकिस्तान (Pakistan) में जो आतंकी हमला हुआ, जिसके बाद चीन के नागरिकों की मौत हुई. उससे चीन (China) जोरो से बौखला गया है. अपने दो टूक शब्दों में उसने पाकिस्तान से कहा है कि यदि वह आतंकवादियों से नहीं निपट सकता है, तो चीनी सैनिकों को मिसाइलों के साथ मिशन पर भेजा जा सकता है. अब चीन का ये अवतार देख पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) डर गये हैं. उन्होंने बीजिंग को विश्वास दिलाया है कि दोषियों को बक्शा नहीं जाएगा. बीते दिनों खैबर पख्तूनख्वा में हुए बस धमाके चीनी इंजीनियरों की भी मौत हुई है.
दी गयी चेतावनी
चीन सरकार के एक अखबार के संपादक ने इस बारे में ट्वीट करके पाकिस्तान को चेताया भी है और ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि, ‘इस हमले में शामिल कायर आतंकी अब तक सामने नहीं आ पाए हैं, लेकिन उन्हें निश्चित रूप से खोजा और खत्म किया जाना चाहिए. यदि पाकिस्तान की क्षमता पर्याप्त नहीं है,तो उसकी मंजूरी से चीन की मिसाइलों और स्पेशल फोर्स को काम पर लगाया जा सकता है’.
Terrorist को बचाने में आगे है China
ऐसा कहा जा रहा है कि बयान आने के बाद पाकिस्तान पर दबाव बन चुका है कि वो आतंकियों पर कार्रवाई करें. मुख्य बात ये हैं कि खुद चीन ही हमेशा पाकिस्तानियों के आतंकियों को बचाता रहा है. संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित कराने के भारत की कोशिशो को बहुत बार उसने असफल किया है. अब जब नौबत ये आ गयी कि उसके अपने नागरिक मर रहे हैं, तो वो बौखला गया है. तो वहीं इमरान खान अपने ‘आका’ का गुस्सा शांत करने की हर मुमकिन प्रयास में लगे हैं.
चाइना से आएगी जांच टीम
बता दें पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी इलाके में एक बस में हुए विस्फोट में चीन के 9 कर्मचारी मर गये. चीन के खौफ के कारण इमरान सरकार ने शुरु से ही इस हमले को हादसा करार करने का प्रयास किया. विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि ये हादसा गैस लीक के चलते विस्फोट होने से हुआ. इमरान सरकार का इस तरह साजिश पर पर्दा डालना बीजिंग को पसंद नहीं आया और उसने नाराजगी जताई थी और कहा था कि वह भी इसकी जांच के लिए अपनी टीम भेजेगा.
Imran ने ली कचियांग को दिया आश्वासन
अब पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने बीते दिन अपने चीनी समकक्ष ली कचियांग को काफी समझाया है कि इस बम विस्फोट के बाद हर तरह की जांच की जा रही है, कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी. उन्होंने ये भी कहा कि शत्रु ताकतों को दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को नुकसान पहुंचाने की छूट नहीं दी जाएगी. ज्ञात हो कि निर्माणाधीन दासू बांध स्थल तक चीन के इंजीनियर और कामगारों को लेकर जा रही बस में विस्फोट होने के कारण 9 चीनी नागरिकों और फ्रंटियर कोर के दो सैनिकों के साथ साथ कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई और 39 लोग जख्मी हुए हैं.