कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandh)ने शुक्रवार को जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष मौन धरना दिया। भीषण उमस और गर्मी के बीच प्रियंका गांधी महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने बैठी रहीं। धरने के दौरान पुलिस ने उनको कोविड दिशा निर्देशों का हवाला देकर उठाने की कोशिश की। प्रियंका ने एक पर्ची लिखकर पुलिस को पकड़ा दिया। पर्ची में लिखा था…कोविड तो पंचायत चुनाव के समय भी था। इसके बाद पुलिस उनके पास नहीं आई। धरने के दौरान प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया। प्रियंका गांधी जीपीओ पहुंचते ही पहले उन्होंने गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। धरने के दौरान प्रदेष के विभिन्न जिलों से कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता आए थे जो बार-बार नारे लगा रहे थे।
प्रियंका गांधी करीब 3.25 पर जीपीओ पहुंचीं। प्रियंका गांधी की गाड़ी के साथ पांच से छह और एसयूवी चल रही थीं। उनकी गाड़ी के शीशे खुले हुए थे। रास्ते में दोनों ओर समर्थकों को हाथ हिलाकर उनका अभिवादन स्वीकार कर रही थीं। जीपीओ पर उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रमोद तिवारी और पीएल पुनिया भी साथ में थे। ज्ञात हो कि जीपीओ के आसपास रात में ही कांग्रेसियों ने बड़े-बड़े पोस्टर लगा दिए थे। यहां का आयोजन शहर अध्यक्ष उत्तरी अजय श्रीवास्तव अज्जू, अध्यक्ष दक्षिणी दिलप्रीत सिंह डीपी ने किया। इनके अलावा फाखिर सिद्दीकी, रणजीत सिंह, प्रदीप कनौजिया, अय्यूब सिद्दीकी आदि नेता मौजूद रहे।
शीला कौल का बंगला प्रियंका का लखनऊ में घर
प्रियंका गांधी पूर्व कैबिनेट मंत्री शीला कौल के बंगले में रुकती हैं। स्वर्गीय श्रीमती कौल ने आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया था। पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की भाभी और इन्दिरा गांधी की मामी शीला कौल पांच बार सांसद रहीं। उन्होंने 1980-84 और 1991-95 तक केंद्रीय मंत्री के रूप में भी अपनी सेवाएं दी। 1995-96 तक एक साल उन्होंने हिमाचल प्रदेश की राज्यपाल का पद भी संभाला। गोखले मार्ग स्थित उनका बंगला नम्बर 23-2 अब प्रियंका गांधी का लखनऊ आवास है। वह जब लखनऊ आती हैं तो वहीं रूकती हैं।