देहरादून आरटीओ में अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की राह आसान हो गई है। एनआईसी ने डीएल के आवेदन का एक नियम बदल दिया है। इससे बड़ा फायदा उन लोगों को होगा, जो कि घर से लाइसेंस के लिए स्लॉट बुक कराते हैं। सॉफ्टवेयर में बदलाव के बाद यह नियम आरटीओ में लागू हो गया है।
आरटीओ में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए कोरोना से पहले रोजाना 150 लोग आवेदन कर सकते थे। कोरोना के बाद यह संख्या सीमित कर दी गई थी, लेकिन अब संख्या बढ़ाकर 100 कर दी गई है। लेकिन रोजाना जैसे ही सुबह सात बजे ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू होती है तो अगले कुछ ही मिनटों में 100 स्लॉट बुक हो जाते हैं।
दरअसल, आरटीओ के बाहर बैठे कंप्यूटर ऑपरेटर तेजी से सभी स्लॉट बुक कर देते हैं, जिस वजह से घर से लोग आवेदन करने के लिए कतार में ही रह जाते हैं। इस समस्या का अब समाधान हो गया है। एनआईसी ने सॉफ्टवेयर में बड़ा बदलाव कर दिया है।
इसके तहत एक कंप्यूटर के आईपी एड्रेस से एक आवेदन के पांच मिनट बाद ही दूसरा आवेदन किया जा सकेगा। शुक्रवार को पहले यह अंतराल 15 मिनट रखा गया और थोड़ी देर बाद इसे पांच मिनट कर दिया गया।
आरटीओ में अब एक ही खिड़की पर सभी काम
आरटीओ में अब सभी काम एकल खिड़की से शुरू हो गए हैं। इसके लिए आरटीओ प्रशासन दिनेश चंद्र पठोई ने सिंगल विंडो सिस्टम लागू कर दिया है। दूसरी ओर आरटीओ में हेल्प डेस्क को भी मजबूत बना दिया गया है।
अब वाहनों के स्वामित्व हस्तांतरण की सभी औपचारिकताएं एक ही खिड़की पर होंगी। शुक्रवार से इसकी शुरुआत हो गई। तमाम लोगों को एक दिन में ही परमिट ट्रांसफर हो गया। सिंगल विंडो से लोग खुुश इसलिए भी नजर आए, क्योंकि इससे आरटीओ में दलालों का बोलबाला खत्म हो जाएगा।
दूसरी ओर, लोगों की सुविधा के लिए आरटीओ में हेल्प डेस्क को प्रभावी बना दिया गया है। अगर आपको आरटीओ से जुड़ा कोई भी काम है तो आप कक्ष संख्या छह में जाकर जानकारी हासिल कर सकते हैं। या आप हेल्प डेस्क के फोन नंबर 0135-2743432 पर फोन करके भी जानकारी हासिल कर सकते हैं।
इसके लिए आरटीओ प्रशासन दिनेश चंद्र पठाई ने सेवारत कर्मचारियों की रोस्टरवार ड्यूटी लगाने के साथ ही वरष्ठि प्रशासनिक अधिकारी पद से सेवानिवृत्त दिग्विजय सिंह को भी तैनात किया है। चूंकि उन्हें आरटीओ से जुड़ी तमाम जानकारियां हैं, इसलिए वह आसानी से सभी बिंदुओं का जवाब दे रहे हैं।
हमने जनता की सुविधा के लिए सिंगल विंडो सिस्टम शुरू कर दिया है। इसके तहत सभी व्यवस्थाएं पहले दिन बेहतर रही हैं। जहां कमियां रही, उन्हें दुरुस्त किया जा रहा है। हेल्प डेस्क भी और प्रभावी तरीके से मदद को तैयार है।