तमिलनाडु सरकार (Tamil Nadu Government) विधानसभा में एक विधेयक पेश करेगी, जिसमें राज्य के मेडिकल उम्मीदवार को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) से छूट देने के लिए राष्ट्रपति की सहमति मांगी गई है. राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (Chief Minister MK Stalin) ने रविवार को कहा कि देश में नीट एक बड़ा मुद्दा है. स्टालिन ने तमिल में एक ट्विटर पोस्ट में कहा, “नीट की वेदी पर एक और मौत… कल हम नीट के लिए स्थायी छूट विधेयक लाएंगे. आइए हम नीट को भारतीय उपमहाद्वीप के मुद्दे के रूप में लें.”
स्टालिन की यह टिप्पणी तब आई है जब एक 19 वर्षीय मेडिकल उम्मीदवार को सलेम में अपने घर पर मृत पाया गया था, जब वह तीसरी बार NEET परीक्षा में शामिल होने वाला था. तमिलनाडु सरकार ने हाल ही में एक नीति नोट में कहा कि एक आधिकारिक समिति ने योग्यता परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर चिकित्सा जैसी पेशेवर डिग्री में प्रवेश के लिए और एनईईटी से छूट प्राप्त करने के लिए एक नया कानून बनाने का सुझाव दिया. तमिलनाडु को NEET से छूट देने के लिए पिछले AIADMK शासन के दौरान 2017 में पारित विधेयकों को राष्ट्रपति की सहमति नहीं मिली थी.
NEET को लेकर राजनीतिक विवाद
छात्र की मौत के कारण अन्नाद्रमुक (AIADMK) ने द्रमुक (DMK) शासन को जिम्मेदार ठहराया और स्टालिन ने मामले पर “अड़ियल” होने के लिए केंद्र पर निशाना साधा. स्टालिन ने आरोप लगाया कि केंद्र नीट से छात्रों को होने वाली भारी कठिनाइयों को नहीं समझती है और इसकी ‘लापरवाही’ और ‘हठ’ छात्रों की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार है.
NEET को रद्द करने के लिए मांगेंगे सभी राज्यों का समर्थन
उम्मीदवार की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए स्टालिन ने कहा कि नीट के खिलाफ हमारा कानूनी संघर्ष अब सरकार की बागडोर संभालने के बाद शुरू होता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी और कर्तव्य है कि वह छात्रों के अच्छे भविष्य का निर्माण करे और इसे महसूस करते हुए उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक कि केंद्र सरकार नीट (NEET) को रद्द नहीं कर देती. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार इस मुद्दे पर अपने समकक्षों तक पहुंचकर अन्य सभी राज्यों का समर्थन हासिल करेगी. उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि वह जीतेंगे. दरअसल, मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय परीक्षा के परिणाम के डर से तमिलनाडु के कई उम्मीदवारों ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली है और नीट (NEET) का विरोध बढ़ गया है.