छोटे साहिबजादों की शहीदी सभा के दौरान शोक बिगुल बजाने का निर्णय किया गया है। इसे लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि साहिबज़ादा जोरावर सिंह और साहिबज़ादा फतेह सिंह और माता गुजरी को पंजाब सरकार की द्वारा श्रद्धांजलि भेंट करने के विनम्र प्रयास के तौर पर शहीदी सभा के दौरान 27 दिसंबर को शोक बिगुल बजाया जायेगा जिस दौरान लोग साहिबज़ादों की महान शहादत को नमन करेगे।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को यहाँ शहीदी सभा के प्रबंधों का जायज़ा लेने के लिए फतेहगढ़ साहिब ज़िले के प्रशासन के साथ मीटिंग करने यहां पहुंचे थे। उन्होंनेकहा कि छोटे साहिबज़ादों के प्रति श्रद्धा और सम्मान प्रकट करते हुये शहीदी सभा के दौरान 27 दिसंबर को सुबह 10 बजे से 10ः10 बजे तक शोक बिगुल बजाया जायेगा। भगवंत सिंह मान ने कहा, “ मैं लोगों से अपील करता हूं कि यह पहली बार होगा कि छोटे साहिबज़ादों की शहादत समय के दौरान 10 मिनट के लिए शोक बिगुल बजाया जायेगा और उस समय पर आप जहाँ भी होंगे, खड़े होकर अद्वितीय शहीदी को नमन किया जाये।“
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रयास छोटे साहिबज़ादों की महान विरासत संबंधी अवगत करवाने में सहायक साबित होगा। उन्होंने कहा कि छोटे साहिबज़ादों के महान बलिदान को याद करना समय की ज़रूरत है जिससे मानवीय अधिकारों के मूल्यों को और मज़बूत किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिसंबर का महीना, जिस दौरान दसवें पातशाह श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी के समूचे परिवार को शहीद किया गया था, समूची मानवता के लिए शोक का महीना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 20 से 30 दिसंबर तक कोई भी ख़ुशी का समागम न करवाने का ऐलान पहले ही किया हुआ है। उन्होंने कहा कि यह प्रयास राज्य सरकार द्वारा दशम पिता के परिवार के महान बलिदान को विनम्र सी श्रद्धांजलि होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फतेहगढ़ साहिब की पवित्र धरती न सिर्फ़ सिखों के लिए बल्कि समूची मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत है क्योंकि हर साल छोटे साहिबज़ादों और माता गुजरी जी के शहीदी दिवस पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु नतमस्तक होने आते हैं। उन्होंने कहा कि साहिबज़ादों की तरफ से छोटी उम्र में महान बलिदान देने की मिसाल दुनिया के इतिहास में कहीं नहीं मिलती।
फतेहगढ़ साहिब में शहीदी सभा की तैयारियों की प्रगति का जायज़ा लेते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि ज़िला प्रशासन को लोगों के लिए पुख़्ता इंतज़ाम करने के लिए कहा जिससे इस पवित्र स्थान पर नतमस्तक होने वाले श्रद्धालुओं को किसी किस्म की परेशानी का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह निजी तौर पर इस समूचे कार्य की निगरानी करेंगे जिससे लोगों की सेवा में कोई कसर बाकी न रहे।
लोगों की आमद के लिए शहर की ट्रैफ़िक व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए किये प्रबंधों के बारे मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया कि दूर-नज़दीक से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पुलिस प्रशासन की तरफ से सहायता केंद्र स्थापित किये गए हैं जिससे ज़रूरत पड़ने पर तत्काल मदद पहुंचायी जा सके। इसी तरह लोगों की सुविधा के लिए स्थानीय बस सेवा शुरू की गई है जिसके अंतर्गत 75 बसें चलाईं जाएंगी और 50 ई-रिक्शे चलाए जाएंगे। पार्किंग व्यवस्था के बारे बताया गया कि शहीदी सभा के दौरान वाहनों की पार्किंग के लिए शहर को अलग- अलग सैक्टरों में बाँट कर 21 जगहें कायम की गई हैं और यातायात के लिए पुख्ते प्रबंध किये गए हैं। इसी तरह श्रद्धालुओं को सेहत सेवाएं मुहैया करवाने के लिए मैडीकल केंद्र भी स्थापित किये गए हैं। इसके इलावा सूचना केंद्र भी बनाऐ गए हैं जिससे लोग अपेक्षित जानकारी हासिल कर सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर साल शहीदी सभा के दौरान लाखों श्रद्धालु इस पवित्र स्थान के दर्शन करने आते हैं और श्रद्धालुओं को बनती सहूलतें प्रदान करना राज्य सरकार का फर्ज बनता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस संबंधी राज्य सरकार उचित व्यवस्था कर रही है जिससे इस स्थान पर आने वाले किसी भी श्रद्धालु को किसी किस्म की दिक्कत का सामना न करना पड़े।