पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और राज्यसभा सांसद और वित्तीय संसदीय सलाहकार समिति के सदस्य विक्रमजीत सिंह साहनी ने आज चंडीगढ़ में 40 बैंकों के राज्य प्रमुखों के साथ स्वरोजगार के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत ऋणों की मंजूरी और वितरण की प्रगति की समीक्षा की ।
मुद्रा योजना जिसके तहत सूक्ष्म उद्यमों के लिए 10 लाख तक के बैंक ऋण प्रदान करने का प्रावधान है ,प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम विनिर्माण, जिसके तहत व्यवसाय और सेवा क्षेत्र में 50 लाख तक के ऋण का प्रावधान है । राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, कृषि अवसंरचना निधि, सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण योजना, एससी/एसटी और महिला उद्यमियों के वित्तपोषण के लिए स्टैंड अप इंडिया योजना और पीएम स्ट्रीट वेंडर्स सूक्ष्म ऋण योजना आदि पर सभी बैंकों ने अपना प्रदर्शन प्रस्तुत किया।
साहनी ने कहा कि पंजाब के कई जिलों में विभिन्न योजनाओं के लिए ऋण राशि का बहुत कम उपयोग हो रहा है और बैंकों को कुशल कार्यबल, महिला स्वयं सहायता समूहों और छोटे किसानों को शीघ्रता से ऋण स्वीकृत करने और वितरित करने के लिए अपनी सभी शाखाओं को प्रेरित करना चाहिए।
साहनी ने यह भी कहा कि लुधियाना जिले में, आईटीआई स्नातकों द्वारा स्व-रोज़गार के लिए 632 आवेदन प्रस्तुत किए गए थे, लेकिन केवल 52 ऋण स्वीकृत किए गए हैं। वहीं पंजाब में 6300 बैंक शाखाएं हैं और यदि प्रत्येक बैंक पांच-पांच ऋण स्वीकृत करता है, तो भी कम से कम 30000 लाभार्थी होने चाहिए।
हरपाल चीमा ने दोहराया कि स्व-रोज़गार और स्टार्ट-अप के लिए ऋण वितरित करने में बैंकों का प्रदर्शन लक्ष्य के अनुरूप नहीं है और यदि बैंक आर्थिक रूप से कमजोर आवेदकों को ऋण स्वीकृत नहीं करते हैं तो राज्य सरकार इसे गंभीरता से लेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में समय-समय पर प्रगति की समीक्षा के लिए वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक विशेष टास्क फोर्स बनाई जाएगी।