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हरियाणा में बिजली बिल पर मंथली रेंट खत्म, केवल यूनिट के देने होंगे पैसे

हरियाणा के सीएम नायब सैनी (Nayab Saini) ने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के एक फैसले को 4 महीने बाद लागू करते हुए सूबे के लाखों बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत प्रदान की है. बता दें कि मुख्यमंत्री रहते हुए खट्टर ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 2 किलोवाट तक के घरेलू कनेक्टेड लोड वाले टैरिफ श्रेणी- 1 में आने वाले बिजली उपभोक्ताओं पर 115 रुपए न्यूनतम मासिक शुल्क (MMC) नहीं लगाने का फैसला किया था.

Bijli Upbhokta

तत्कालीन खट्टर सरकार के इस फैसले को अब सीएम नायब सैनी की सरकार ने लागू किया है. प्रदेश में टैरिफ श्रेणी- 1 में जहां महीने की बिजली खपत 200 यूनिट से कम है, हरियाणा में MMC 2 किलोवाट तक के भार में 115 रुपए प्रति किलोवाट है. पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर ने विधानसभा में कहा था कि मैं 2 किलोवाट तक के घरेलू कनेक्टेड लोड वाले टैरिफ श्रेणी- 1 के उपभोक्ताओं के लिए MMC को समाप्त करने का प्रस्ताव करता हूं.

बिजली उपभोक्ताओं को होगी ये बचत

हरियाणा सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि यह निर्णय अगले बिलिंग चक्र से लागू होगा और उपभोक्ताओं को उनके कुल बिजली बिल में न्यूनतम 2% से अधिकतम 91% (5 से 190 रुपए) तक की राहत मिल सकती है.

नाम न उजागर करने की शर्त पर उन्होंने कहा कि घरेलू कनेक्शन और दो किलोवॉट तक के लोड पर 115 रुपए प्रति किलोवॉट का ये फैसला लोकसभा चुनावों से पहले होता तो बीजेपी के लिए हरियाणा में चुनावी नतीजे कुछ और ही होते.

3 उदाहरण में समझिए फैसले का गणित

पहलाः इस नीतिगत निर्णय को लागू करने की योजना के अनुसार, उपभोक्ताओं को केवल खपत की गई बिजली इकाइयों के लिए भुगतान करना होगा. उदाहरण के लिए, पहले अगर 1 किलोवाट लोड वाला परिवार एक महीने में 30 यूनिट बिजली की खपत करता था, तो 115 रुपए बिल आता था, जो अब घटकर 60 रुपए रह जाएगा क्योंकि MMC लागू नहीं होगा.