हरियाणा में इसी साल अक्टूबर महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी- अपनी तैयारियों में जुट गए हैं. इसी कड़ी में इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी (INLD) ने भी अपने गठबंधन के साथी बहुजन समाज पार्टी (BSP) के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव के लिए शंखनाद कर दिया है. अपने राजनीतिक वजूद को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे दोनों दलों ने 10 अगस्त को पृथला विधानसभा क्षेत्र के बड़े गांव मोहना में एक बड़ी रैली का आयोजन रखा है.
ये बड़े नेता करेंगे संबोधित
10 अगस्त को INLD- BSP गठबंधन की इस रैली को ऐलनाबाद हल्के से विधायक अभय चौटाला और बीएसपी के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद संबोधित करेंगे. इस रैली को लेकर दोनों पार्टियों के नेताओ ने इनेलो के सेक्टर- 11 जिला कार्यालय पर फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र के दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं और संगठन के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई थी, जिसमें रैली के सफल आयोजन को लेकर विस्तार से चर्चा की गई है.
पृथला विधानसभा का सबसे बड़ा गांव
बता दें कि मोहना की गिनती पृथला विधानसभा क्षेत्र के सबसे बड़े गांव के तौर पर होती है. पूर्व उपप्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी देवीलाल और पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओमप्रकाश चौटाला अपने हर राजनीतिक कार्यक्रम का आगाज इसी गांव से करते आए हैं. साल 1987 में जब मोहना गांव बल्लभगढ़ विधानसभा क्षेत्र में शामिल था तो यहां से लोकदल की टिकट पर योगेश शर्मा विधायक निर्वाचित हुए थे.
रैली को सफल बनाने की तैयारियां
INLD जिलाध्यक्ष देवेंद्र चौहान ने दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों दलों के कार्यकर्ता रैली को ऐतिहासिक बनाकर सफल करेंगे. इस रैली से पूरे प्रदेश में विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो जाएगा. भाजपा और कांग्रेस के शासनकाल से हर कोई परिचित हैं. जनता पूरी तरह से बदलाव के मूड में नजर आ रही है और आने वाले समय में इनेलो- बीएसपी गठबंधन की हरियाणा में सरकार बनेगी. वहीं, साथ ही रैली के सफल आयोजन के लिए कार्यकर्ताओं की भी ड्यूटी लगाई गई है.
पृथला से दोनों पार्टियों के रहें हैं विधायक
पृथला विधानसभा सीट के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो यहां से इनेलो और बीएसपी दोनों ही पार्टियों के नेता पूर्व में विधायक रह चुके हैं. साल 2014 में पृथला विधानसभा सीट से BSP की टिकट पर टेकचंद शर्मा ने विधायक के चुनाव में जीत हासिल की थी. वहीं, NIT फरीदाबाद से INLD की ओर से नगेन्द्र भड़ाना विधायक चुने गए थे. इसलिए अब दोनों राजनीतिक दल यहां अपने जनाधार के बलबूते विधानसभा चुनाव में पूरे दमखम के साथ उतरना चाहते हैं.