साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में शोध एवं नवोन्मेषी कार्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इक्फ़ाई लॉ स्कूल देहरादून और आईओ ग्लोबल अकादमी हैदराबाद के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए.
इक्फ़ाई विश्वविद्यालय देहरादून के इक्फ़ाई लॉ स्कूल के द्वारा 10 फरवरी को एक वेबिनार का आयोजन किया गया जिसमें आई.ओ ग्लोबल अकादमी के निदेशक प्रोफ़ेसर एम के भंडारी ने ब्लॉक चैन टेक्नोलॉजी पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम का आयोजन इक्फ़ाई लॉ स्कूल देहरादून के सेण्टर फॉर साइबर सिक्योरिटी एंड इनोवेशन के द्वारा किया गया।
इस इंटरनेशनल वेबिनार के दौरान ही सातोशी कोन के डायरेक्टर प्रोफेसर डॉ. एच सी जॉर्ज मोल्ट की गरिमापूर्ण उपस्थिति में दोनों प्रमुख संस्थाओं के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए।
कार्यक्रम की शुरुआत इक्फ़ाई लॉ स्कूल देहरादून के डीन डॉ. युगल किशोर के वेलकम स्पीच के साथ हुई। डॉ. किशोर ने इस कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख स्पीकर और मुख्य अतिथि का स्वागत किया और एमओयू की महत्वता पर प्रकाश डाला। डॉ. किशोर ने अपने वेलकम स्पीच में बताया कि इक्फ़ाई विश्वविद्यालय के इक्फ़ाई लॉ स्कूल के द्वारा साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में बहुत ही इनोवेटिव कार्य किया जा रहा है। संस्थान के द्वारा समय समय पर वेबिनार का आयोजन कर विश्व के प्रख्यात अनुभवियों एवं विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाता है।
इस साइनिंग सेरेमनी में इक्फ़ाई विश्वविद्यालय देहरादून के वाईस चांसलर प्रोफ़ेसर डॉ. मुद्दु विनय के द्वारा सम्बोधित किया गया। अपने सम्बोधन व्याख्यान में डॉ. मुद्दु विनय ने एक महत्वपूर्ण एमओयू के हस्ताक्षरित होने के अवसर पर अपनी शुभकामनायें भी प्रेषित की।
बताते चलें की इक्फ़ाई यूनिवर्सिटी देहरादून के वाईस चांसलर प्रोफसर डॉ. मुद्दु विनय को ऐकडेमिक एवं इनोवेशन के क्षेत्र में कई राष्ट्रिय एवं अंतर्राष्ट्रीय एवार्ड से सम्मानित किया जा चूका है। डॉ मुद्दु विनय के निर्देशन में संस्थान के द्वारा सैकड़ों राष्ट्रिय एवं अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार संपन्न किये जा चुके हैं। डॉ. मुद्दो विनय के विशनरी कार्यों को चिन्हित करते हुए उन्हें बेस्ट वाईस चांसलर अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चूका है.
कार्यक्रम का समापन ऐकडेमिक कोर्डिनेटर मोनिका खरोला के वोट ऑफ़ थैंक्स के साथ हुआ। इस कार्यक्रम में इक्फ़ाई लॉ स्कूल में सहायक प्रोफ़ेसर प्राची मिश्रा, ज्ञानेंद्र त्रिपाठी, सुनील कुमार, डॉ. आशीष सिंघल, एवं पार्थ उपाध्याय ने भी हिस्सा लिया।