UPSC 2020 में 761 उम्मीदवारों ने सफलता हासिल की। ये 761 ऐसे उम्मीदवार हैं, जिनकी संघर्ष की कहानी हर किसी को प्रेरित करेगी। आज हम इन्हीं में से एक उम्मीदवार के बारे में बताने जा रहे हैं। हम बात कर रहे हैं यूपीएससी में 5वां स्थान हासिल करने वाली ममता यादव की। आपको जानकर हैरानी होगी, ममता यादव का ये दूसरा प्रयास था, पहले प्रयास में उनकी 556वीं रैंक आई थी। आइए जानते हैं उन्होंने कैसे तैयारी की। 24 साल की ममता अपने पूरे गांव में आईएएस अधिकारी बनने वाली पहली महिला बन गई हैं। पिछली यूपीएससी की परीक्षा में पास होने के बाद उन्हें 556वीं रैंक मिली थी। जिसके बाद उनका चयन इंडियन रेलवे पर्सनल सर्विस (IRPS) में हुआ था, बता दें, IRPS की ट्रेनिंग के साथ उन्होंने दूसरी बार यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी।
एक न्यूज चैनल के इंटरव्यू देते हुए ममता ने बताया, यूपीएससी की परीक्षा के पहले प्रयास में मेरी 556वीं रैंक आई थी, जिसके बाद मैंने सोचा, एक बार और परीक्षा देकर रैंक इम्प्रूव की जा सकती है। मुझे ये भरोसा था कि मैं टॉप-100 की लिस्ट में तो आ जाऊंगी, लेकिन टॉप-5 की लिस्ट में आ गई। ये मेरे लिए गर्व की बात है। गुरुग्राम के बसई गांव निवासी ममता के पिता अशोक यादव एक निजी कंपनी में काम करते हैं और उनकी मां सरोज यादव गृहिणी हैं। ममता की मां सरोज ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनकी बेटी इतनी आगे जाएगी। बेटी की सफलता का श्रेय उनके पिता ने ममता की मां को दिया। गौरवान्वित पिता ने कहा कि ममता ने गर्व से सिर उठाया है। खास बात यह है कि वह अपने गांव की पहली लड़की है जिसने पढ़ाई की और यूपीएससी में सफलता हासिल की और शिक्षा के क्षेत्र में इतना आगे निकल गई।