पटना उच्च न्यायालय की वरिष्ठ अधिवक्ता एवं एडवोकेट एसोशिएन की पूर्व संयुक्त सचिव छाया मिश्रा ने स्कूलों में मुफ्त सैनिटरी पैड बांटने के सुझाव पर छात्राओं के साथ अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने के आरोप में आईएस हरजोत कौर भामरा के खिलाफ प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट (पोक्सो) के तहत कार्रवाई की मांग की है। मिश्रा ने गुरुवार को कहा, ”जिस महिला अधिकारी से सैनिटरी पैड अभियान को आगे बढ़ाने की उम्मीद की जाती है, वह इसकी मांग करने वाली छात्राओं को न केवल जलील करती है बल्कि उन्हें शर्मींदगी में भी डालती हैं। अधिकारी ने सार्वजनिक मंच से ऐसी-ऐसी बातें कही है जो किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करती हैं। हमारे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत आने वाली छात्राओं की इस मांग पर अधिकारी ने तंज कसते हुए मुफ्त में जींस पैंट से लेकर कंडोम और अच्छे जूतों की मुफ्त में मांग करने की बात कह डाली। छात्रों के लिए अलग शौचालय बनाए जाने की मांग पर अधिकारी ने छात्राओं को जलील करते हुए सवाल किया कि क्या वह अपने घर में अलग शौचालय में जाती हैं।”
अधिवक्ता ने कहा,”बम्हरा की अशोभनीय टिप्पणी और तंज कठोर अनुशासनहीनता है। उनके खिलाफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शीघ्र अति शीघ्र कदम उठाना चाहिए। इस पर हम पोक्सो के तहत कारर्वाई की मांग करते हैं। मिश्रा ने पोक्सो कानून की प्रस्तावना का हवाला देते हुए कहा, यह अनिवार्य है कि कानून इस तरह से संचालित हो कि बच्चे के शारीरिक, भावनात्मक, बौद्धिक और सामाजिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए उनके सर्वोत्तम हितों और कल्याण को हर चरण में सर्वोपरि माना जाए।’ अधिवक्ता ने सवाल किया,” स्कूली छात्राओं ने ऐसी कौन-सी बात कह दी कि जो इस कानून के तहत उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर की है? उन्होंने बस स्कूलों में सैनिटरी पैड के मुफ्त वितरण और लड़कियों के लिए अलग शौचालय का सुझाव ही तो दिया था। इसमें इस महिला अधिकारी को शर्म की सारी हदें पार करने की आवश्यकता क्यो आन पड़ी? राष्ट्रीय महिला एवं बाल संरक्षण आयोग को इस अधिकारी के खिलाफ संज्ञान लेना चाहिए।” महिला अधिकारी से मेरा अनुरोध है कि वह लड़कियों से तुरंत माफी मांगें और सरकार से आग्रह है वह पोक्सो और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन तहत उनके खिलाफ कार्रवाई करे।”