हरियाणा में लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल करने की कवायद में जुटी BJP सरकार ने नंबरदारों को खुश करने की तैयारी कर ली है. प्रदेश की नायब सैनी सरकार नंबरदार से जुड़े नियमों में बदलाव करने की तैयारी में है. मुख्यमंत्री नंबरदारों की भर्ती पर लगी रोक हटाने के साथ ही 75 साल की आयु में नंबरदारों के रिटायरमेंट होने के फैसले पर यू- टर्न ले सकते हैं.
बेटे को दी जा सकेगी नंबरदारी
तहसील कार्यालयों में नंबरदारों के बैठने के लिए एक अलग से कमरे की व्यवस्था होगी और साथ ही नंबरदार के बेटे को नंबरदारी देने का फैसला लिया जा सकता है. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रदेश सरकार एक सम्मेलन आयोजित कर ऐसी घोषणाएं कर सकती हैं. शहरी निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा के हस्तक्षेप के बाद सीएम नायब सैनी ने नंबरदारों की अधिकतर मांगों को पूरा करने पर सैद्धांतिक रूप से सहमति जताई है.
आज धर्मनगरी कुरूक्षेत्र में नंबरदारों की एक बैठक बुलाई गई है, जिसमें जिला प्रधानों के अलावा तहसीलों के प्रधान भी बुलाए गए है. इस राज्यस्तरीय बैठक में नंबरदारों की मांगों को लेकर विचार- विमर्श किया जाएगा. इस बैठक के बाद, नंबरदारों की शहरी स्थानीय निकाय मंत्री सुभाष सुधा से मिलने की योजना है. इसके बाद, उनका मुख्यमंत्री से मिलने का समय निर्धारित किया जा सकता है.
नंबरदारों के पद पर भर्ती
बता दें कि हरियाणा में नंबरदारों के स्वीकृत पदों की संख्या का आंकड़ा 28 हजार है, जबकि वर्तमान में 18 हजार पदों पर नंबरदार कार्यरत हैं. बाकी पड़े खाली पदों पर नई नियुक्तियां किए जाने की घोषणा हो सकती है.
सत्यापन का काम अटकाव
नंबरदारों के खाली पदों की वजह से तहसीलों में सत्यापन का काम प्रभावित हो रहा है. पहले गांव के ही नंबरदार के पास दस्तावेज सत्यापन का अधिकार था लेकिन अब इस पर रोक लगी हुई है. ऐसे में सत्यापन हेतु दूसरे गांव के नंबरदार के पास भाग- दौड़ करनी पड़ती है. वहीं, मासिक मानदेय में वृद्धि और समय पर मिलने की मांग भी उठाई गई है.